एनएचएआई-भू-अर्जन घोटाले में नया खुलासा, 31.93 करोड़ की रकम विदेशी गेमिंग कंपनियों में लगाई गई, ईडी ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस

एनएचएआई-भू-अर्जन घोटाले में नया खुलासा, 31.93 करोड़ की रकम विदेशी गेमिंग कंपनियों में लगाई गई, ईडी ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस

पटना। बिहार में करोड़ों रुपये के गबन के चर्चित मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। एनएचएआई और पटना जिला भू-अर्जन कार्यालय के खातों से फर्जी तरीके से निकाले गए 31.93 करोड़ रुपये की रकम विदेशी गेमिंग कंपनियों में निवेश की गई थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में यह सनसनीखेज तथ्य सामने आया है। इस नये खुलासे के बाद ईडी पटना के क्षेत्रीय कार्यालय की अनुशंसा पर आरोपी कोटक महिंद्रा बैंक के तत्कालीन मैनेजर सुमित कुमार, उसके परिचित शशिकांत और अन्य के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने मनी लॉन्ड्रिंग का नया मामला दर्ज किया है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, एनएचएआई और पटना जिला भू-अर्जन कार्यालय के बैंक खातों से करोड़ों की फर्जी निकासी का यह मामला वर्ष 2019 का है, जिसका खुलासा 2021 में हुआ था। इस घोटाले में आरा निवासी कोटक महिंद्रा बैंक के तत्कालीन मैनेजर सुमित कुमार और अन्य के खिलाफ पटना के गांधी मैदान थाना में मामला दर्ज किया गया था।

गबन के इस मामले की प्रारंभिक जांच आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने की थी और चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी। लेकिन बाद में मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने स्वतंत्र जांच शुरू की। जांच में पता चला कि गबन की यह बड़ी रकम दक्षिण अफ्रीका की गेमिंग कंपनी बिटवे और फिलीपींस की गेमिंग कंपनी 12 बेट के 21 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दी गई। ईडी ने पैसों की ट्रेल को खंगालते हुए पाया कि घोटाले की यह राशि ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी के प्लेटफॉर्म्स में खपाई गई, ताकि उसे वैध निवेश की शक्ल दी जा सके।

अब ईओयू मनी लॉन्ड्रिंग समेत धन शोधन से जुड़े विभिन्न कानूनों के तहत इस मामले की गहन जांच करेगी। इस घोटाले में पटना जिला भू-अर्जन कार्यालय के तत्कालीन पदाधिकारी पंकज पटेल के फर्जी हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया गया था। बैंक मैनेजर सुमित कुमार और उसके सहयोगियों ने आपसी सांठ-गांठ कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर यह रकम बैंक से निकाल ली थी।

ईडी सूत्रों का कहना है कि इस मामले में विदेशी लिंक मिलने के बाद जांच का दायरा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाना पड़ेगा। संभव है कि ईडी मनी ट्रेल का पता लगाने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग के अंतरराष्ट्रीय प्रावधानों के तहत संबंधित देशों से संपर्क करे। वहीं, घोटाले की इस नयी परत के उजागर होने के बाद राज्य में हड़कंप मचा है।

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BIHAR - JHARKHAND