: पुणे कारोबारी हत्याकांड से खुला अंतरराज्यीय अपहरण और फिरौती गिरोह, 1.60 करोड़ की वसूली, कई राज्यों के कारोबारी बने शिकार
पटना। पुलिस महकमे में उस समय हड़कंप मच गया जब पुणे के स्क्रैप कारोबारी लक्ष्मण साधु शिंदे (55) की हत्या की गुत्थी सुलझी और इसके साथ ही एक खतरनाक अंतरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश हुआ। इस गिरोह ने गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र और कर्नाटक के सात कारोबारियों को बिजनेस का लालच देकर पिछले तीन महीनों में पटना बुलाया और एयरपोर्ट से ही अगवा कर उनसे कुल 1.60 करोड़ रुपये की फिरौती वसूली की।11 अप्रैल को जब पुणे के कारोबारी लक्ष्मण शिंदे पटना पहुंचे तो मुन्ना, सुमित और कुंदन ने एयरपोर्ट से ही उनका अपहरण कर लिया। फिर उन्हें हिलसा में बंधक बनाकर पीटा गया और एटीएम कार्ड जबरन लिया गया। इसके बाद दीदारगंज ले जाकर दो बार में 40 हजार रुपए भी निकाले गए। उनके खाते में 12 लाख रुपए थे, लेकिन पिन न बताने की वजह से गैंग ने बेरहमी से पिटाई की, जिससे उनकी मौत हो गई। बाद में उनकी लाश जहानाबाद में फेंक दी गई। पहले शिनाख्त नहीं हो पाई थी, लेकिन 14 अप्रैल को पुष्टि हो गई कि वो शव लक्ष्मण शिंदे का ही था।
गिरोह की बड़ी साजिशें, ई-मेल से फंसाया
यह गैंग कोल इंडिया के नाम से फर्जी ई-मेल कर कारोबारियों को पटना बुलाता था। मोबाइल नंबर गूगल से खोजे जाते थे और कारोबार बढ़ाने का झांसा दिया जाता था। इस साजिश में बिहार के नालंदा, वैशाली और नवादा के बदमाश शामिल थे।गिरफ्तार अपराधियों की मानें तो झारखंड के एक कारोबारी को मार्च के अंतिम सप्ताह में पटना बुलाकर नालंदा ले गए और 50 लाख की वसूली की। वहीं गुजरात के कारोबारी से 60 लाख, अहमदाबाद, महाराष्ट्र और बेंगलुरु के कारोबारी से भी अलग-अलग समय में लाखों रुपये की फिरौती ली गई। 27 मार्च को राजकोट के व्यापारी को भी इसी गैंग ने निशाना बनाया।
फिरौती की रकम से खरीदी गई गाड़ियां
पूछताछ में खुलासा हुआ कि वसूली गई रकम से I-20 कार, स्कॉर्पियो और बुलेट बाइक खरीदी गई। इनमें से कुछ गाड़ियां कुंदन के रिश्तेदारों के नाम पर ली गईं। काली कमाई से कई चल-अचल संपत्तियां भी खरीदी गईं जिनकी जांच पुलिस कर रही है।पटना पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में अब तक इस गिरोह से जुड़े कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें रंजीत पटेल उर्फ मुन्ना, लाल बिहारी, विकास कुमार, सुमित कुमार, संगीता कुमारी उर्फ छोटी, कुंदन कुमार, विपातरा कुमार, सचिन रंजन, जितेंद्र कुमार और गौतम कुमार के नाम शामिल हैं। वहीं, विजय, सिंटू, अमन, मंगल जैसे आधा दर्जन अपराधी अब भी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
खुलासे के बाद हलचल तेज
इस बड़े खुलासे के बाद पटना पुलिस, एसटीएफ और नालंदा पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी है। गिरोह से जब्त खातों, मोबाइल फोन और लैपटॉप को खंगाला जा रहा है। एसएसपी अवकाश कुमार ने बताया कि रंजीत पटेल उर्फ मुन्ना को रिमांड पर लेकर उससे कई और खुलासे होने की संभावना है।जिस तरह से चार राज्यों के कारोबारियों को ठगी का शिकार बनाया गया, उससे यह मामला अब राज्य के साथ-साथ केंद्रीय एजेंसियों के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन गया है। गैंग का नेटवर्क कितना बड़ा है और कितने लोग अब भी इसकी चपेट में आ सकते हैं, इसकी जांच जारी है।👉पुणे से पटना बुलाकर कारोबारी की हत्या, 11 गिरफ्तार – गूगल से मोबाइल नंबर निकाला, कोल इंडिया के नाम से फर्जी ईमेल कर पटना बुलाया गया। किडनैप कर नालंदा ले जाया गया और हत्या कर शव को जहानाबाद में फेंक दिया गया।
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