पटना: आरसीपी सिंह का 'आप सबकी आवाज' हुआ जनसुराज में विलय

 पटना: आरसीपी सिंह का 'आप सबकी आवाज' हुआ जनसुराज में विलय

 पटना। राजनीति की गर्म हवाओं के बीच बिहार की सियासत में एक और बड़ी हलचल रविवार को देखने को मिली, जब पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने अपनी पार्टी ‘आप सबकी आवाज’ का विलय प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी में कर दिया। राजधानी पटना में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर दोनों नेताओं ने एक साथ मंच साझा किया और इस नये राजनीतिक गठबंधन की जानकारी दी। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यह विलय सियासी हलकों में कई मायनों में अहम माना जा रहा है।

इस मौके पर प्रशांत किशोर ने कहा कि आरसीपी सिंह के पास प्रशासन और राजनीति दोनों की गहरी समझ है, जिसका सीधा लाभ न केवल जनसुराज को, बल्कि बिहार में एक मजबूत तीसरे मोर्चे की सोच को मिलेगा। उन्होंने 2015 के चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि जब लालू यादव और नीतीश कुमार एक हुए, उससे पहले ही आरसीपी सिंह और वे (पीके) साथ आए थे। उसी सोच और समर्पण को अब जनसुराज में नई ऊर्जा के रूप में देखा जा सकता है।

वहीं, आरसीपी सिंह ने भी मंच से बिहार की सियासत और भविष्य की दिशा को लेकर अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा कि आज से ठीक दस साल पहले जब महागठबंधन बना था, तब उन्होंने पूरी मेहनत और रणनीति से उसे कामयाब किया था। उन्होंने कहा कि एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों में रहकर उन्होंने काम किया, लेकिन बिहार की उपेक्षा अब भी जारी है। उन्होंने विश्वास जताया कि वे और उनकी टीम अब तीसरे नहीं बल्कि 'टॉप' पर रहेंगे और बिहार में एक नई राजनीति की शुरुआत करेंगे।

आरसीपी सिंह के इस कदम को बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव के लिहाज से एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है। एक ओर जहां जनसुराज पार्टी अपनी सियासी ज़मीन तलाश रही है, वहीं आरसीपी सिंह जैसे अनुभवी नेता का साथ इस नये राजनीतिक प्रयोग को नई धार देने की कोशिश है।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह गठजोड़ राज्य की सियासत में नया समीकरण बना सकता है, खासकर तब जब परंपरागत गठबंधन और दलों से जनता का मोहभंग तेजी से देखने को मिल रहा है। जनसुराज और ‘आप सबकी आवाज’ का यह एकीकरण अब आने वाले चुनावी माहौल में कितनी पकड़ बना पाता है।

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BIHAR - JHARKHAND