स्वच्छता में पटना की छलांग: 3-स्टार रेटिंग के साथ राष्ट्रीय रैंकिंग में बड़ी छलांग, गंगा टाउन में चौथा स्थान
पटना। पटना ने स्वच्छता के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए 3-स्टार रेटिंग प्राप्त की है। 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 44 प्रमुख शहरों की सूची में राजधानी को 21वां स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि गंगा किनारे बसे ‘गंगा टाउन’ शहरों में यह चौथे स्थान पर रहा। यह उपलब्धि न केवल नगर निकाय के सतत प्रयासों का परिणाम है, बल्कि पटना के नागरिकों की सामूहिक चेतना और भागीदारी का प्रतीक भी है। यह सम्मान पटना की महापौर सीता साहू को सौंपा गया, जबकि नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने इसे “संगठित प्रयासों और नागरिकों की सक्रिय भूमिका” का प्रतिफल बताया। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में शहर ने स्वच्छता के क्षेत्र में जिस तरह से नए प्रयोग किए, उससे यह सफलता संभव हुई।
कैसे बदली पटना की छवि: स्वच्छता अभियान के प्रमुख कदम
बेकार गाड़ियों से बना पिंक टॉयलेट और मेनहोल एम्बुलेंस
पटना नगर निगम ने 3R (Reuse, Reduce, Recycle) सिद्धांत को अपनाते हुए कबाड़ में पड़ी गाड़ियों को नवजीवन दिया। इनसे पिंक टॉयलेट, लू कैफे, निगम नीर, और मेनहोल एम्बुलेंस तैयार किए गए, जो अब शहर की स्वच्छता व्यवस्था का अभिन्न अंग हैं।
सिटिजन फीडबैक में चौथा स्थान
स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के सिटिजन फीडबैक कैटेगरी में पटना को चौथा स्थान मिला। इसके लिए नगर निगम ने शहरवासियों को अभियान से जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया, जिसमें घर-घर जाकर फीडबैक फॉर्म भरवाए गए और मोबाइल ऐप के ज़रिए सुझाव मांगे गए।
नुक्कड़ नाटक से लेकर सोशल मीडिया तक जागरूकता
शहर के विभिन्न हिस्सों में नुक्कड़ नाटक, जागरूकता रैलियां, सोशल मीडिया कैंपेन, और स्कूल-कॉलेजों में प्रतियोगिताएं आयोजित कर स्वच्छता का संदेश आम जन तक पहुंचाया गया।
650 गंदगी के अड्डों को बदला स्वच्छ स्थलों में
नगर निगम ने करीब 650 गंदगी के अड्डों को चिन्हित कर उन्हें स्वच्छ स्थल में बदला। सफाई कर्मियों के सहयोग से वहां पिकनिक और सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की गईं, जिससे स्वच्छता को जन-संस्कृति का हिस्सा बनाया गया।
डोर-टू-डोर कलेक्शन और अपशिष्ट पृथक्करण
हर घर से कचरा एकत्र करने के साथ-साथ सूखा और गीला कचरा अलग करने की व्यवस्था सख्ती से लागू की गई। साथ ही कंपोस्टिंग यूनिट, वॉशरूम मैनेजमेंट, और मेनहोल सुधार जैसे नवाचार भी किए गए।
'सड़क शत्रु' मुहिम से कचरा फेंकने वालों पर नजर
शहर में कचरा फेंकने वालों को 'सड़क शत्रु' घोषित किया गया और उन्हें स्वच्छता की शपथ दिलाई गई। इससे आमजन में उत्तरदायित्व की भावना विकसित हुई और गंदगी के खिलाफ सामाजिक दबाव बना।
वॉकी-टॉकी और स्मार्ट निगरानी से तेज व्यवस्था
शहर के सभी 75 वार्डों में सफाई निरीक्षकों को हाईटेक वॉकी-टॉकी से जोड़ा गया। इसके ज़रिए जलनिकासी, सफाई, और कचरा संग्रहण जैसे कार्यों की रियल-टाइम निगरानी संभव हो पाई।
स्मार्ट इंटीग्रेटेड कंट्रोल सेंटर से जुड़ा हर संप हाउस
मानसून में जलजमाव की स्थिति से निपटने के लिए सभी संप हाउस को स्मार्ट कंट्रोल कमांड सेंटर से जोड़ा गया, जिससे रियल-टाइम मॉनिटरिंग और तत्काल कार्रवाई संभव हुई।
बीते वर्ष 1 स्टार, अब 3 स्टार – पर कहानी यहीं खत्म नहीं होती
वर्ष 2023 में पटना को केवल 1 स्टार रेटिंग दी गई थी, लेकिन तब भी नगर निगम ने 3 स्टार के लिए आवेदन किया था। लगातार सुधार के प्रयासों और जनता की भागीदारी ने 2024 में यह लक्ष्य साकार कर दिखाया। नगर आयुक्त पराशर के मुताबिक इस बार पटना का टॉप-20 में स्थान पक्का है।
5 स्टार का सपना अधूरा, कूड़ा प्रोसेसिंग प्लांट बना बाधा
नगर आयुक्त ने स्वीकार किया कि यदि पटना में कूड़ा प्रोसेसिंग प्लांट पहले से चालू होता, तो यह शहर 5 स्टार रेटिंग भी हासिल कर सकता था। रामचक बैरिया में प्रस्तावित प्लांट पर अब केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही इसका टेंडर निकाला जाएगा। करीब 500 करोड़ की लागत से बनने वाला यह प्लांट पटना को कचरा प्रबंधन में आत्मनिर्भर बनाएगा।
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