पटना: माघ पूर्णिमा पर गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, सुरक्षा के लिए एसडीआरएफ तैनात
पटना। माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को पटना के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। कंगन घाट, भद्रघाट और अन्य प्रमुख घाटों पर अलसुबह से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया। हजारों लोगों ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और विधिवत पूजा-अर्चना कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम
भीड़ को देखते हुए प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) की टीमों को नावों के साथ तैनात किया गया, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। घाटों पर लगे लाउडस्पीकर से श्रद्धालुओं को सतर्कता बरतने और गहरे पानी में न जाने की अपील की जाती रही।
गंगा स्नान का विशेष महत्व
पुजारी हिमांशु गिरी के अनुसार, माघ पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व होता है। इस दिन से फाल्गुन मास की शुरुआत मानी जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान, दान-दक्षिणा और पूजा-पाठ करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी कारण दूर-दूर से श्रद्धालु इस अवसर पर गंगा स्नान करने आते हैं।
श्रद्धालुओं में दिखी अपार आस्था
श्रद्धालु राजू चौधरी ने बताया कि इस बार महाकुंभ नहीं जा सके, इसलिए पटना के गंगा घाट पर ही शाही स्नान किया। उन्होंने कहा, "ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन की कठिनाइयां दूर होती हैं।"
घाटों पर दिखी आस्था और भक्ति की अनूठी छटा
गंगा घाटों के आसपास धार्मिक माहौल बना हुआ था। जगह-जगह धूप, हुमाद और अगरबत्ती की खुशबू से वातावरण भक्तिमय हो गया। पूजा-पाठ कराने वाले पंडितों के साथ ही दुकानदार भी घाटों पर अपनी दुकानें सजा रहे थे। कई श्रद्धालुओं ने दान-दक्षिणा कर जरूरतमंदों की मदद भी की।
प्रशासन की ओर से सतर्कता बरती गई
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस बल भी पूरी तरह मुस्तैद रहा। घाटों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी रखी गई और स्नान के दौरान किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचने के लिए अलग-अलग घाटों पर बैरिकेडिंग की गई।
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