पटना: डोमिसाइल लागू करने की मांग को लेकर शिक्षक अभ्यर्थियों का महाआंदोलन
पटना। बिहार में सरकारी नौकरियों में डोमिसाइल नीति को लागू करने की मांग को लेकर आज पटना की सड़कों पर बड़ा आंदोलन देखने को मिला। सैकड़ों की संख्या में शिक्षक अभ्यर्थी पटना कॉलेज से मुख्यमंत्री आवास तक मार्च कर रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि बिहारियों को उनके राज्य में नौकरी पाने का वाजिब हक मिलना चाहिए, जैसा अन्य राज्यों में होता है।
इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे छात्र नेता दिलीप ने कहा कि, "हमारी स्पष्ट मांग है कि बिहार की सभी सरकारी नौकरियों में 90% सीटें डोमिसाइल के आधार पर आरक्षित हों। बाकी 10% सीटों पर बाहरी अभ्यर्थी या बिहार के ही योग्य अभ्यर्थी मेरिट के आधार पर चयनित किए जाएं।" उन्होंने आगे कहा कि जैसे अन्य राज्यों की प्रतियोगी परीक्षाओं में स्थानीय इतिहास, भूगोल व संस्कृति से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं, वैसे ही बिहार की परीक्षाओं में भी 100% प्रश्न बिहार से संबंधित होने चाहिए। छात्रों का कहना है कि अगर सरकार डोमिसाइल लागू नहीं करती है, तो आने वाले चुनाव में "डोमिसाइल नहीं तो वोट नहीं" का नारा पूरे बिहार में बुलंद किया जाएगा। वहीं अगर सरकार यह नीति लागू करती है, तो अभ्यर्थी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में प्रचार भी करेंगे। दिलीप ने कहा, "अगर आप डोमिसाइल लागू करते हैं, तो हम पूरे बिहार में आपके लिए वोट मांगेंगे, लेकिन अगर नहीं किया तो सत्ता से उखाड़ फेंकने में भी देर नहीं करेंगे।
अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगें
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BPSC TRE-4 भर्ती में डोमिसाइल नियम लागू किया जाए।
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STET डोमिसाइल नीति जल्द लागू हो।
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26000 कंप्यूटर शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।
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लाइब्रेरियन की बहाली को भी प्राथमिकता दी जाए।
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सभी सरकारी नौकरियों में डोमिसाइल को अनिवार्य किया जाए।
अभ्यर्थियों का आरोप है कि डोमिसाइल की पुरानी व्यवस्था नीतीश कुमार ने खुद हटाई थी जब वे प्रधानमंत्री बनने की तैयारी में थे। अब फिर से मुख्यमंत्री बनने के लिए एक बार और यह नीति लागू करनी चाहिए, तभी उन्हें जनता का समर्थन मिलेगा। पटना कॉलेज से लेकर सीएम आवास तक रूट पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। अफसर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं अभ्यर्थी पूरी तरह से शांतिपूर्ण मार्च निकालने की बात कह रहे हैं।
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