बिहार कैबिनेट की अहम बैठक में बड़ा फैसला: 2030 तक एक करोड़ लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य, कई अहम प्रस्तावों को मिली मंजूरी

बिहार कैबिनेट की अहम बैठक में बड़ा फैसला: 2030 तक एक करोड़ लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य, कई अहम प्रस्तावों को मिली मंजूरी

पटना। बिहार सरकार ने राज्य के विकास की दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ाया है। सोमवार को सचिवालय स्थित कैबिनेट हॉल में सुबह 10:30 बजे से मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 30 एजेंडों पर मुहर लगाई गई। बैठक में सबसे बड़ी घोषणा ये रही कि सरकार ने 2025 से 2030 के बीच एक करोड़ लोगों को नौकरी और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। यह फैसला राज्य के युवाओं में नई उम्मीद जगा रहा है।

बैठक में स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा एक बड़ा फैसला भी लिया गया। लापरवाही और अनियमितताओं के आरोप में चार डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त करने की मंजूरी दे दी गई। इनमें बेगूसराय के मझौल अनुमंडल अस्पताल की विशेष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चंदन कुमारी, लखीसराय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की सामान्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कृतिका सिंह, जमुई सदर अस्पताल की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. निमिषा रानी, और लखीसराय के हलसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कृति किरण शामिल हैं। सरकार ने साफ कर दिया कि चिकित्सा सेवाओं में कोताही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बैठक में गन्ना किसानों के लिए भी खुशखबरी आई। गन्ना उद्योग विभाग की बिहार ईख सेवा भर्ती एवं सेवा शर्त नियमावली 2025 को कैबिनेट की स्वीकृति मिल गई। इससे गन्ना उद्योग में पारदर्शिता और सुचारू संचालन सुनिश्चित होगा और किसानों को ज्यादा लाभ मिलने की उम्मीद है।

राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए सरकार ने बड़ा आर्थिक निर्णय लिया। 77,895 बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) और 8,245 बीएलओ सुपरवाइजरों को वार्षिक मानदेय के अलावा 6,000 रुपये का एकमुश्त अतिरिक्त मानदेय दिया जाएगा। इसके लिए कुल 51 करोड़ 68 लाख 40 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।

कैबिनेट ने राजधानी के लोगों को सुगम यात्रा की दिशा में भी अहम फैसला लिया। पटना मेट्रो रेल परियोजना के प्रायोरिटी कॉरिडोर के रखरखाव के लिए 2 वर्ष 8 महीने की अवधि के लिए 179.37 करोड़ रुपये की राशि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (DMRC) को देने की स्वीकृति दे दी गई। इससे पटना मेट्रो के निर्माण और संचालन को मजबूती मिलेगी।

राज्य के शिक्षकों के लिए भी बैठक में बड़ी राहत की घोषणा हुई। वित्त रहित शिक्षा नीति के समाप्ति के बाद अनुदानित माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और शिक्षा कर्मियों को सहायक अनुदान के रूप में वित्तीय वर्ष 2025-26 में 3 अरब 94 करोड़ 41 लाख 24 हजार रुपये आवंटित किए गए हैं। इससे हजारों शिक्षकों के हित सुरक्षित होंगे।

बिहार सरकार ने रोजगार सृजन को लेकर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार को सलाह और दिशा देने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक 12 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति विभिन्न क्षेत्रों में संभावनाओं का आकलन कर राज्य में रोजगार के नए अवसर तैयार करने पर सरकार को सलाह देगी। पिछले हफ्ते ही बिहार कैबिनेट ने 43 प्रस्तावों पर मुहर लगाई थी और इस बार फिर 30 महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं, जो राज्य के विकास को गति देंगे। खास तौर पर रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे को लेकर लिए गए निर्णय बिहार को एक नई दिशा देने की ओर संकेत कर रहे हैं।

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BIHAR - JHARKHAND