पटना नगर निगम की बैठक में हंगामा, पार्षदों के बीच धक्का-मुक्की
पटना। पटना नगर निगम की नौवीं साधारण बोर्ड बैठक शुक्रवार को भारी हंगामे की भेंट चढ़ गई। बैठक की शुरुआत के साथ ही पार्षदों के बीच तीखी बहस, धक्का-मुक्की और यहां तक कि कपड़े फटने जैसी शर्मनाक स्थिति उत्पन्न हो गई। विवाद का केंद्र मेयर सीता साहू द्वारा लाए गए एजेंडे को लेकर रहा, जिस पर विपक्षी पार्षदों ने आपत्ति जताई।
नगर आयुक्त अनिमेष पराशर ने भी एजेंडे को नियम विरुद्ध बताते हुए खुली आपत्ति दर्ज की, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो गए। मेयर और आयुक्त के बीच सार्वजनिक रूप से मतभेद उजागर हो गए। इस दौरान डिप्टी मेयर रश्मि चंद्रवंशी, निगम के अन्य अधिकारी एवं सभी दलों के पार्षद बैठक में मौजूद थे। जैसे ही मेयर ने एजेंडे की चर्चा शुरू की, विपक्षी पार्षद आशीष सिन्हा, इंद्रदीप चंद्रवंशी समेत अन्य प्रतिनिधियों ने विरोध जताया। आरोप लगाया गया कि राज्य सरकार द्वारा जांचाधीन प्रस्तावों को पारित कराने की कोशिश की जा रही है। इसी को लेकर बैठक में शोरगुल शुरू हुआ और देखते ही देखते मामला हाथापाई तक पहुंच गया।
मेयर सीता साहू ने बैठक में हुए हंगामे का ठीकरा दो पूर्व सहयोगियों – आशीष सिन्हा और इंद्रदीप चंद्रवंशी पर फोड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों पार्षद बैठक में जानबूझकर बाधा उत्पन्न करते हैं और निगम का काम रोकने का षड्यंत्र कर रहे हैं। मेयर ने यहां तक कहा कि नगर आयुक्त भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और कुछ पार्षदों के साथ मिलकर एक विशेष कंपनी को मल्टी लेवल पार्किंग का टेंडर दिलवाना चाहते हैं। दूसरी ओर, नगर आयुक्त अनिमेष पराशर ने मेयर के प्रस्तावों को नियमविरुद्ध करार दिया और कहा कि पारदर्शिता के बिना एजेंडे को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।
सशक्त स्थाई समिति की सदस्य श्वेता राय ने घटना को लोकतंत्र के लिए अशोभनीय बताया और कहा कि नगर निगम की बैठकों में पहले शांति और सहमति से काम होता था, लेकिन अब हर मुद्दे पर टकराव और अराजकता देखने को मिल रही है। विरोध और अव्यवस्था के चलते बैठक को आधिकारिक रूप से स्थगित कर दिया गया, लेकिन महापौर ने दावा किया कि उन्होंने बिना अधिकारियों की मौजूदगी में बैठक को सफलतापूर्वक संपन्न कर लिया। उन्होंने यह भी कहा कि उनके साथ 61 पार्षद बैठक में उपस्थित थे।
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