बिहार बंद: बिहार में जगह-जगह बंद का असर, औरंगाबाद समेत कई जिलों में रेल और सड़क यातायात ठप
औरंगाबाद से पटना तक हाईवे जाम
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच वोटर वेरिफिकेशन को लेकर उठे विवाद ने बुधवार को सियासी तूल पकड़ लिया। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने एकजुट होकर बिहार बंद का ऐलान किया, जिसके चलते राज्यभर में जनजीवन पर खासा असर पड़ा। पटना से लेकर सुदूर जिलों तक सड़कों पर उतर आए महागठबंधन और इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह चक्का जाम किया, बाजार बंद कराए और सड़क से लेकर रेलमार्ग तक यातायात को ठप कर दिया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी खुद इस बंद में शामिल होने के लिए पटना पहुंचे, जिससे राजनीतिक माहौल और गर्मा गया।
राजधानी पटना में इनकम टैक्स चौराहे और आयकर गोलंबर जैसे अहम इलाकों में कांग्रेस, राजद, वाम दलों समेत इंडिया गठबंधन के सैकड़ों कार्यकर्ता जमा हो गए। सड़कों के बीचों-बीच बैठकर कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। उनका आरोप था कि केंद्र और राज्य सरकारें वोटर वेरिफिकेशन की आड़ में लाखों पुराने मतदाताओं के नाम सूची से हटाकर लोकतंत्र को कमजोर करना चाहती हैं। राजद और कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया जानबूझकर चुनावी गणित को प्रभावित करने के लिए की जा रही है।
औरंगाबाद, बक्सर, सासाराम में सड़कों पर उतरे कार्यकर्ता
औरंगाबाद जिले में सुबह से ही महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने नेशनल हाईवे-139 और अन्य प्रमुख सड़कों को जाम कर दिया। ट्रकों, बसों और निजी वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। लोग घंटों तक रास्ते में फंसे रहे। बक्सर और सासाराम में भी विरोध उग्र रहा। शिवसागर के पास एनएच-19 की एक लेन पूरी तरह बंद रही, जिससे आवाजाही बुरी तरह बाधित हो गई। गाड़ियों की कतारें इतनी लंबी थीं कि ड्राइवर और यात्री बेहद परेशान दिखे।
रेल मार्ग पर भी पड़ा असर, पप्पू यादव के समर्थक उतरे ट्रैक पर
पूर्णिया से निर्दलीय सांसद और कांग्रेस नेता पप्पू यादव के समर्थक भी बंद के दौरान सक्रिय नजर आए। पटना के सचिवालय हाल्ट पर उनके समर्थकों ने एक पैसेंजर ट्रेन को रोक दिया। इंजन के सामने करीब 50 लोग बैठ गए, जिससे 15 मिनट तक ट्रेनों का परिचालन प्रभावित रहा। इस दौरान आरपीएफ से हल्की झड़प भी हुई। आरा-बक्सर रेलखंड पर बिहिया स्टेशन पर भी ट्रेन रोककर प्रदर्शन किया गया। इससे यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि कुछ देर बाद परिचालन सामान्य हो सका।
प्रशासन अलर्ट, कई गिरफ्तारियां
विरोध-प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन ने कई जगहों पर सख्ती दिखाई। अररिया के फारबिसगंज में बंद समर्थकों ने डेमू पैसेंजर ट्रेन को रोका तो पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक दर्जन से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। इनमें कांग्रेस, एनएसयूआई और राजद के नेता और कार्यकर्ता शामिल थे। इनमें से पांच को न्यायिक हिरासत में पूर्णिया भेजा गया है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि बिना अनुमति के ट्रेन रोकना गैरकानूनी है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पटना में बंद के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। शहर के अलग-अलग हिस्सों में 50 से अधिक मजिस्ट्रेट और करीब छह सौ पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। बावजूद इसके बंद समर्थकों की भीड़ ने कई इलाकों में यातायात को ठप कर दिया। महात्मा गांधी सेतु बंद होने के चलते लोग पैदल पुल पार करते नजर आए।
राज्यभर में जारी इस विरोध ने साफ संकेत दे दिया है कि आगामी चुनावी मौसम में वोटर वेरिफिकेशन का मुद्दा एक बड़े सियासी हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। विपक्षी दल इसे मतदाताओं के अधिकार पर हमला बताते हुए जनता के बीच ले जाने की तैयारी में हैं।
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