सासाराम में 2.30 करोड़ का सरकारी गबन, DTO कार्यालय के 4 कर्मियों पर केस दर्ज
सासाराम, रोहतास। सासाराम के जिला परिवहन कार्यालय (DTO) में एक बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है, जिसने सरकारी तंत्र पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। विभाग के ऑडिट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि चार कर्मचारियों ने मिलकर 2 करोड़ 30 लाख रुपये की सरकारी राशि का गबन किया है। इस मामले की पुष्टि खुद जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO) रामबाबू ने की है, जिन्होंने अपने ही कार्यालय के चार कर्मियों के खिलाफ सासाराम के नगर थाने में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई है। यह अनियमितता पिछले चार वर्षों, यानी वित्तीय वर्ष 2021 से 2025 के दौरान हुई है। ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया है कि कर्मचारियों ने आम जनता से वसूले गए लाखों रुपये को सरकारी खाते में जमा करने के बजाय खुद हड़प लिया।
कैसे किया गया घोटाला?
डीटीओ रामबाबू ने बताया कि घोटाले में दो अलग-अलग तरह से पैसे का गबन किया गया:
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मोटर व्हीकल टैक्स का गबन: कार्यालय के दो कर्मचारी, अजय कुमार सिंह और अक्षय कुमार, पर आरोप है कि उन्होंने मोटर व्हीकल टैक्स के मद में जमा हुए 1 करोड़ 75 लाख रुपये का सरकारी खजाने में भुगतान नहीं किया। यह राशि वाहन मालिकों से ली गई थी, लेकिन वह सरकार तक नहीं पहुंची।
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ई-चालान की राशि का गबन: वहीं, दो अन्य कर्मचारी, प्रोग्रामर अनिल कुमार और डाटा एंट्री ऑपरेटर अनिल कुमार, ने ई-चालान से प्राप्त 55 लाख रुपये को बैंक में जमा नहीं किया। यह पैसा उन लोगों से वसूला गया था, जिन पर ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया गया था।
मामले की गंभीरता और पुलिस कार्रवाई
इस बड़े खुलासे से पूरे जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। मामला दर्ज होने के तुरंत बाद सासाराम एसडीपीओ दिलीप कुमार मौके पर पहुंचे और पुलिस टीम के साथ डीटीओ कार्यालय में गहन छानबीन शुरू की। यह मामला इसलिए और भी गंभीर है क्योंकि यह सीधा-सीधा आम जनता के पैसों का दुरुपयोग है। पुलिस ने चारों आरोपी कर्मियों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि वे इस मामले की तह तक जाएंगे और यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि क्या इसमें और भी लोग शामिल हैं। इस घटना ने एक बार फिर सरकारी कार्यालयों में वित्तीय पारदर्शिता और निगरानी की कमी को उजागर किया है।
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