रोहतास: नकली सिगरेट बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, 7 करोड़ की अवैध खेप जब्त, दो गिरफ्तार
रोहतास। बिहार के रोहतास जिले में पुलिस ने एक बड़े नकली सिगरेट निर्माण रैकेट का पर्दाफाश किया है। यह गोरखधंधा कई वर्षों से जिले के मुख्यालय सासाराम के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत बलथूआ इलाके में एक गुप्त फैक्ट्री में चल रहा था। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर 7 करोड़ रुपये से अधिक की नकली सिगरेट, मशीनें, पैकिंग सामग्री और अन्य अवैध सामग्री जब्त की है।
फैक्ट्री में बनती थीं नामी ब्रांडों की नकली सिगरेट
छापेमारी के दौरान पुलिस ने पाया कि एक स्थानीय पंजीकृत कंपनी के नाम पर देश की नामचीन ब्रांडेड कंपनियों की नकली सिगरेट बनाई जा रही थी। मौके से बड़ी मात्रा में रेडी-टू-सेल सिगरेट पैकेट, कच्चा माल, रैपर, फिल्टर, तंबाकू मिश्रण, ब्रांडेड लेबल और सिगरेट बनाने की मशीनें बरामद की गईं। पुलिस ने खुलासा किया है कि 28 मजदूरों की एक टीम द्वारा यह काम बड़े पैमाने पर संचालित किया जा रहा था।
फैक्ट्री से लेकर गोदाम तक की गई छापेमारी
सिर्फ फैक्ट्री ही नहीं, पुलिस ने इसके अलावा वेदा के राजाराम कॉम्प्लेक्स स्थित एक गोदाम पर भी छापा मारा, जहां से लगभग 3 करोड़ रुपये की बनी हुई नकली सिगरेट जब्त की गई। सभी सिगरेट विभिन्न ब्रांडेड कंपनियों के नाम और पैकिंग में तैयार की गई थी, जिससे बाजार में इसकी असली उत्पादों की तरह बिक्री की जाती थी।
दो अभियुक्त गिरफ्तार, एक यूपी का निवासी
पुलिस अधीक्षक रौशन कुमार ने बताया कि इस अवैध सिगरेट निर्माण में फैक्ट्री का मालिक गोपाल जी ओझा और सुपरवाइजर राजेश कुमार मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है। गोपाल जी ओझा उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नरही थाना क्षेत्र स्थित सिंदुरिया गांव का निवासी है। राजेश कुमार मिश्रा वाराणसी जिले के बड़ागांव का रहने वाला है।
पूरी साजिश इस तरह रची गई थी कि स्थानीय स्तर पर रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर एक फर्जी कंपनी के नाम पर ब्रांडेड सिगरेट बनाई जा रही थी। लोकल फैक्ट्री की आड़ में नकली उत्पादों को पैक कर विभिन्न स्थानों पर सप्लाई किया जा रहा था। आरोपियों ने स्वीकार किया है कि यह रैकेट वर्षों से चल रहा था और इसके तार अन्य जिलों और राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं।
एसपी रौशन कुमार ने बताया कि पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है। बरामद डायरी, दस्तावेजों और मोबाइल की फॉरेंसिक जांच के आधार पर इस अवैध नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। फैक्ट्री और गोदाम को सील कर दिया गया है और आयकर एवं वाणिज्य कर विभाग को भी इसकी जानकारी दे दी गई है। यह घटना जहां उपभोक्ताओं की स्वास्थ्य सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है, वहीं ब्रांडेड कंपनियों को करोड़ों की आर्थिक क्षति भी पहुंचा रही थी। पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इन नकली सिगरेटों की आपूर्ति बिहार के बाहर भी की जा रही थी।
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