सीवान: सिपाही भर्ती परीक्षा से दो मुन्ना भाई गिरफ्तार
सीवान। बिहार के सीवान जिले से सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। रविवार को डीएवी उच्च विद्यालय परीक्षा केंद्र पर दो फर्जी परीक्षार्थियों को रंगे हाथ पकड़ा गया, जो दूसरे अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा दे रहे थे। इस घटना ने एक बार फिर से राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं की पारदर्शिता और सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
केंद्रीय चयन परिषद (सिपाही भर्ती) की परीक्षा में परीक्षार्थियों के फिंगरप्रिंट और बायोमेट्रिक सत्यापन की प्रक्रिया सुबह 10:30 बजे के बाद शुरू हुई। इसी दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट, विद्यालय के प्रधानाध्यापक तरुण पाठक और पुलिस पदाधिकारी सुजीत कुमार को दो अभ्यर्थियों के हाव-भाव पर संदेह हुआ। जांच में उनके फिंगरप्रिंट वास्तविक अभ्यर्थियों से मेल नहीं खाए, जिसके बाद कड़ाई से पूछताछ की गई। दोनों ने स्वीकार किया कि वे असली अभ्यर्थी नहीं हैं, बल्कि अर्जुन कुमार और दिलखुश कुमार के स्थान पर परीक्षा दे रहे थे। जैसे ही यह फर्जीवाड़ा सामने आया, पुलिस ने फौरन एक निजी होटल पर छापेमारी की। यहां से अर्जुन कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया, जो परीक्षा से बचकर होटल में रुका था। दूसरा अभ्यर्थी दिलखुश कुमार फरार हो गया है। पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। पकड़े गए फर्जी परीक्षार्थियों ने अभी तक अपनी असली पहचान उजागर नहीं की है, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार तिवारी ने बताया कि तीनों आरोपियों से नगर थाना में पूछताछ चल रही है। साथ ही, पुलिस यह भी जांच कर रही है कि यह मामला किसी संगठित सॉल्वर गिरोह से जुड़ा है या केवल व्यक्तिगत स्तर पर की गई धोखाधड़ी है। फिलहाल सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और पूरे नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। पुलिस का कहना है कि इस पूरे मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे कठोर सजा दिलाई जाएगी ताकि परीक्षा प्रणाली की शुचिता को बरकरार रखा जा सके। बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जीवाड़े की घटनाएं कोई नई नहीं हैं। अक्सर ऐसे मामलों में सॉल्वर गैंग सक्रिय रहते हैं, जो रुपये लेकर परीक्षार्थियों की जगह परीक्षा दिलवाने का सौदा करते हैं।
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