5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था सिर्फ आंकड़ा नहीं, बदलाव की भावना है: डॉ. पी. के. मिश्रा
IIM संबलपुर के 9वें दीक्षांत समारोह में बोले प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव – "भविष्य विरासत नहीं, निर्माण का विषय है"
संबलपुर, ओडिशा। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने कहा कि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य केवल जीडीपी की संख्या नहीं है, बल्कि यह लाखों लोगों को गरीबी से उबारने, विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा, ऊर्जा सुरक्षा, और डिजिटल सशक्तिकरण जैसे व्यापक लक्ष्यों से जुड़ा है।
IIM संबलपुर के 9वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन” वाले विजन का उल्लेख किया। उन्होंने छात्रों को अमृत काल के निर्माण में भागीदार बनने का आह्वान करते हुए कहा कि "भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बने, यह हम सभी की साझा जिम्मेदारी है।
वर्तमान भू-राजनीतिक और आर्थिक संदर्भ में अवसर और चुनौतियां’’ विषय पर अपने व्याख्यान में डॉ. मिश्रा ने कहा कि दुनिया आज अभूतपूर्व तकनीकी, पर्यावरणीय और आर्थिक बदलावों के दौर से गुजर रही है। उन्होंने कहा, “भविष्य सिर्फ विरासत में नहीं मिलेगा – उसे बनाया जाएगा।
डॉ. मिश्रा ने भारत की वैश्विक स्थिति पर बात करते हुए कहा कि देश की युवा जनसंख्या, तकनीकी प्रगति, और आंतरिक विकास एक ओर हमारी ताकत हैं, वहीं दूसरी ओर रणनीतिक साझेदारियाँ, सॉफ्ट पावर और प्रवासी भारतीयों का योगदान भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव को दर्शाते हैं।
उन्होंने भारत के 100+ यूनिकॉर्न, पीएलआई योजनाएं, और डिजिटल अर्थव्यवस्था की मजबूती को रेखांकित करते हुए कहा कि “AI, ब्लॉकचेन, इंडस्ट्री 4.0 अब केवल चर्चा नहीं, हमारी रोज़मर्रा की हकीकत बन चुके हैं।
जलवायु परिवर्तन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता का लक्ष्य और हरित हाइड्रोजन मिशन जैसे कदम भारत को स्वच्छ ऊर्जा नेतृत्व में अग्रणी बना रहे हैं।
IIM संबलपुर की प्रशंसा करते हुए डॉ. मिश्रा ने संस्थान को “तकनीक-संचालित प्रबंधन शिक्षा का अग्रदूत बताया। उन्होंने कहा कि यह संस्थान अपने नवाचार, समावेशिता और संस्कृति-सम्मान के मूल्यों के साथ भारत को वैश्विक शिक्षा मानचित्र पर ले जा रहा है।
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