विकसित भारत 2047: हर राज्य की प्रगति ही राष्ट्रीय विकास की असली कुंजी" – प्रधानमंत्री मोदी
नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक में प्रधानमंत्री ने राज्यों के सामूहिक विकास मॉडल पर दिया ज़ोर
दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक को संबोधित करते हुए देश के समग्र विकास की दिशा में राज्यों की निर्णायक भूमिका को रेखांकित किया। बैठक का विषय था: “विकसित भारत: 2047 के लिए विकसित राज्य” जो स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की महत्वाकांक्षी योजना का रोडमैप प्रस्तुत करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा भारत तभी पूरी तरह विकसित बन सकता है, जब हर राज्य अपने-अपने स्तर पर प्रगति करे। विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए 'टीम इंडिया' की भावना से केंद्र और राज्य सरकारों को एकजुट होकर कार्य करना होगा। उन्होंने शहरी विकास को 21वीं सदी के भारत की जरूरत बताया और कहा कि "हमें ऐसे शहरों की जरूरत है जो विकास, नवाचार और पर्यावरणीय स्थिरता के प्रतीक बनें।" इसके लिए उन्होंने भविष्य के लिए तैयार शहरों की अवधारणा पर बल दिया, जो स्मार्ट हो, सस्टेनेबल हों और स्थानीय जरूरतों के अनुसार डिज़ाइन किए गए हों।
पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सुझाव दिया कि हर राज्य कम से कम एक पर्यटन स्थल को विश्वस्तरीय बनाए। उन्होंने कहा कि “'एक राज्य, एक वैश्विक गंतव्य' मॉडल को अपनाकर न सिर्फ पर्यटन में वृद्धि हो सकती है, बल्कि आसपास के इलाकों को भी आर्थिक लाभ मिलेगा।” इससे रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़ सकते हैं।
पीएम मोदी ने महिलाओं को कार्यबल में शामिल करने की आवश्यकता पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि "हमें ऐसी नीतियां और कानून बनाने चाहिए, जिससे महिलाएं सम्मान के साथ काम कर सकें और देश की अर्थव्यवस्था में निर्णायक भूमिका निभा सकें।” उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं की भागीदारी सिर्फ सामाजिक न्याय नहीं, बल्कि आर्थिक सशक्तिकरण की भी कुंजी है।
बैठक के दौरान विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उप-मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में कौशल विकास, उद्यमिता को प्रोत्साहन, और स्थायी रोजगार जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि “यह मंच राज्यों और केंद्र के बीच संवाद और सहयोग को मजबूती देता है, जो लोकतंत्र की सच्ची शक्ति है।
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