अमरनाथ यात्रा के सभी मार्ग ‘उड़ान निषिद्ध क्षेत्र’ घोषित, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू

1 जुलाई से 10 अगस्त तक ड्रोन और यूएवी पर रोक

अमरनाथ यात्रा के सभी मार्ग ‘उड़ान निषिद्ध क्षेत्र’ घोषित, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू

श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा को लेकर इस बार सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त कर दी गई है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने 1 जुलाई से 10 अगस्त तक तीर्थयात्रा के दौरान सभी मार्गों को ‘उड़ान निषिद्ध क्षेत्र’ (No-Fly Zone) घोषित किया है। यह निर्णय गृह विभाग द्वारा 16 जून को जारी आदेश के तहत लिया गया, जिसकी जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को दी।

इस साल की श्री अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 38 दिनों तक चलेगी। तीर्थयात्रा में भाग लेने वाले हजारों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए इस बार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों की अब तक की सबसे बड़ी तैनाती की जा रही है। सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य बनाने के लिए ड्रोन, यूएवी, और अन्य किसी भी प्रकार के हवाई उपकरणों की उड़ान पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इस निर्णय की पृष्ठभूमि में 22 अप्रैल को पहलगाम के पास हुआ आतंकवादी हमला है, जिसमें 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक की मौत हो गई थी। इसके बाद केंद्र और राज्य प्रशासन ने सुरक्षा समीक्षा के बाद यात्रा मार्गों को उड़ान निषिद्ध क्षेत्र घोषित करने का फैसला किया।

जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग के प्रमुख सचिव चंद्राकर भारती द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यात्रा मार्गों पर ड्रोन, यूएवी (Unmanned Aerial Vehicle), पैराग्लाइडर और गुब्बारे जैसे सभी हवाई उपकरणों की उड़ान पर प्रतिबंध लागू रहेगा। हालांकि, चिकित्सा निकासी, आपदा प्रबंधन और सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी गतिविधियों के लिए आवश्यक हवाई गतिविधियों को इस आदेश से छूट दी गई है। इन आवश्यक उड़ानों के लिए अलग से मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की जाएगी।

आदेश में बताया गया है कि यह फैसला विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों, प्रशासनिक अधिकारियों और गृह मंत्रालय के साथ गहन चर्चा के बाद लिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य अमरनाथ यात्रा को शांतिपूर्ण, व्यवस्थित और सुरक्षित बनाना है। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। किसी भी संदिग्ध गतिविधि या अनधिकृत उड़ान पर तत्परता से जवाब दिया जाएगा।

गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है, जो हिमालय की कठिन पर्वतीय यात्रा कर भगवान शिव की पवित्र गुफा तक पहुंचते हैं। ऐसे में आतंकी घटनाओं की आशंका को देखते हुए प्रशासन हर पहलू पर कड़ी नजर बनाए हुए है। ड्रोन जैसी तकनीकें, जो आमतौर पर निगरानी या रिकॉर्डिंग के लिए इस्तेमाल होती हैं, गलत हाथों में खतरनाक साबित हो सकती हैं। यही कारण है कि सरकार ने किसी भी प्रकार की अनधिकृत हवाई गतिविधि को पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया है। CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ-साथ सेना और अन्य एजेंसियां इस यात्रा के लिए पहले से ही हाई अलर्ट पर हैं। बालटाल और पहलगाम—दोनों प्रमुख मार्गों पर सुरक्षा बैरियर, CCTV निगरानी, खोजी कुत्तों की तैनाती और नियमित गश्त की जा रही है।

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