हरदीप पुरी बोले – आत्मनिर्भर भारत के लिए सौर ऊर्जा अहम, इंडियन ऑयल के 36,000 आउटलेट सौर ऊर्जा से संचालित
दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बेहद आवश्यक है और इसमें सौर ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने शुक्रवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) ने अपने 36,000 से अधिक खुदरा पेट्रोल पंपों को पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित करके हरित ऊर्जा को बढ़ावा दिया है।
मंत्री पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्ववर्ती ट्विटर) पर लिखा यह सराहनीय प्रयास न सिर्फ बिजली के खर्च को कम करता है बल्कि ‘हरित भारत’ के निर्माण में भी अमूल्य योगदान देता है। नया भारत अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के पूरक पहलुओं के मंत्र पर आगे बढ़ रहा है। चाहे घर की छत हो, दफ्तर हो या फैक्ट्री… अगर थोड़ी भी जगह है, तो सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करें। यह ऊर्जा की जरूरतें पूरी करने का बड़ा साधन बन रहा है।
सौर क्षमता 2.82 गीगावाट से बढ़कर 105.65 गीगावाट
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत में पिछले 11 वर्षों में सौर ऊर्जा क्षमता में जबरदस्त इजाफा हुआ है। वर्ष 2014 में देश की सौर क्षमता केवल 2.82 गीगावाट थी, जो बढ़कर इस साल 31 मार्च तक 105.65 गीगावाट तक पहुंच गई है।
वर्तमान में कुल स्थापित सौर क्षमता में:
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ग्राउंड माउंटेड इंस्टॉलेशन – 81.01 गीगावाट
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रूफटॉप सोलर क्षमता – 17.02 गीगावाट
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हाइब्रिड प्रोजेक्ट का सौर हिस्सा – 2.87 गीगावाट
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ऑफ-ग्रिड सिस्टम क्षमता – 4.74 गीगावाट शामिल है।
पुरी ने कहा, “यह वृद्धि सौर ऊर्जा के विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर उपयोग और विस्तार को दर्शाती है।
सौर उपकरणों के उत्पादन में भी आत्मनिर्भरता
मंत्री पुरी ने बताया कि भारत ने अब 25 गीगावाट सौर सेल उत्पादन और 2 गीगावाट वेफर उत्पादन की क्षमता विकसित कर ली है, जबकि 2014 में ये क्षमता लगभग शून्य के बराबर थी। इससे देश को न केवल अपने घरेलू ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिली है, बल्कि वैश्विक बाजार में भी प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिला है।
टैक्स फाइलिंग के आंकड़ों में भी जबरदस्त उछाल
हरदीप पुरी ने इसी दौरान आयकर रिटर्न फाइलिंग को लेकर भी अहम आंकड़े साझा किए। उन्होंने बताया कि:
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वित्त वर्ष 2013-14 में दाखिल आयकर रिटर्न की संख्या जहां 3.6 करोड़ थी,
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वहीं वित्त वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर 8.5 करोड़ हो गई है।
उन्होंने कहा कि इनमें से 95 प्रतिशत रिटर्न 30 दिन के भीतर प्रोसेस किए जा रहे हैं। पुरी के मुताबिक, “जब कराधान का प्रबंधन ईमानदारी से किया जाता है, तो यह सशक्तिकरण का शक्तिशाली माध्यम बन जाता है। इसे मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में देखा जा सकता है।
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