जस्टिस बी.आर. गवई बने देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ
दिल्ली। जस्टिस बी.आर. गवई ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक गरिमामय समारोह में भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में पद की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें इस महत्वपूर्ण संवैधानिक पद की शपथ दिलाई। उन्होंने 13 मई को सेवानिवृत्त हुए जस्टिस संजीव खन्ना की जगह ली है। जस्टिस गवई का मुख्य न्यायाधीश बनना ऐतिहासिक है।
क्योंकि वे सीजेआई बनने वाले पहले बौद्ध हैं। इसके साथ ही वे दूसरे ऐसे व्यक्ति हैं जो अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं और देश के सर्वोच्च न्यायिक पद तक पहुंचे हैं। उनसे पहले जी. बालाकृष्णन 2007 में सीजेआई बने थे, जो तीन साल तक इस पद पर रहे।
जस्टिस बी.आर. गवई का कार्यकाल सीमित रहेगा और वे 23 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। सुप्रीम कोर्ट की स्थापना 1950 में हुई थी और तब से अब तक अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग से सिर्फ सात जज सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त हुए हैं, जो न्यायपालिका में सामाजिक प्रतिनिधित्व के सीमित अवसरों को दर्शाता है।
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