देशभर में मानसूनी कहर, अमित शाह ने पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों से की बात, राहत-बचाव कार्य तेज
दिल्ली। देश के कई हिस्सों में मानसून की एंट्री के साथ ही भारी बारिश ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। गुजरात, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में अतिवृष्टि से हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। कई जगहों पर भूस्खलन, जलभराव, सड़कें टूटने और जानमाल के नुकसान की खबरें सामने आई हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा देश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के मद्देनजर गुजरात, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों से बात की है। जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए एनडीआरएफ की पर्याप्त टीमें तैनात की गई हैं और आवश्यकता पड़ने पर और टीमें भेजी जाएंगी। केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री के साथ बातचीत की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि श्री केदारनाथ धाम सहित राज्य के आपदा-प्रवण क्षेत्रों में लगातार बारिश को लेकर गंभीर चर्चा हुई। शाह ने राज्य को आश्वस्त किया कि एनडीआरएफ और आईटीबीपी जैसी एजेंसियों की तैनाती तेज कर दी गई है, ताकि चारधाम यात्रा पर कोई असर न पड़े और श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। मुख्यमंत्री धामी ने कहा गृह मंत्री ने राज्य के अन्य संवेदनशील जिलों में भी लगातार निगरानी और राहत कार्य जारी रखने का निर्देश दिया है। केंद्र सरकार की तत्परता और सहृदयता के लिए हम उनका आभार व्यक्त करते हैं।
जानकारी के अनुसार, भारी बारिश से सबसे अधिक नुकसान हिमाचल प्रदेश में हुआ है, जहां सड़कों के टूटने, पहाड़ दरकने और अचानक आई आपदाओं ने कई इलाकों को बुरी तरह प्रभावित किया है। कई लोग लापता हैं और जानमाल का भी भारी नुकसान हुआ है। स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ और राज्य आपदा राहत बलों की टीम राहत-बचाव में जुटी हैं।
केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वे मौसम पूर्वानुमान के आधार पर सतर्कता बरतें और संवेदनशील इलाकों में पहले से तैनाती व अलर्ट व्यवस्था को सक्रिय रखें। केंद्रीय गृह मंत्रालय की आपदा निगरानी इकाइयों के जरिये हर राज्य की स्थिति पर पल-पल की निगरानी की जा रही है।
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