INS सूरत से नौसेना ने किया मिसाइल परीक्षण, आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम
दिल्ली। भारत की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं से जुड़ी है, जहां भारतीय नौसेना ने गुरुवार को अपने स्वदेशी जंगी जहाज आईएनएस सूरत से सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण समुद्र में किया गया, जिसमें आईएनएस सूरत ने एक लक्ष्य को सटीकता से भेदते हुए मिसाइल क्षमता का प्रदर्शन किया।
भारतीय नौसेना के अनुसार, यह परीक्षण न सिर्फ एक तकनीकी सफलता है बल्कि यह देश की बढ़ती आत्मनिर्भर सैन्य ताकत का प्रतीक भी है। आईएनएस सूरत एक नवीनतम स्वदेश निर्मित निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत है, जिसे भारत में ही डिजाइन और निर्मित किया गया है। यह परीक्षण इस बात का प्रमाण है कि भारतीय नौसेना न केवल अपनी ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ा रही है, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों को भी मजबूती दे रही है।
परीक्षण के दौरान मिसाइल ने समुद्र में स्थित हाई-स्पीड हवाई लक्ष्य पर पूरी सटीकता से प्रहार किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि नौसेना अब हर तरह की संभावित समुद्री चुनौतियों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।
इससे पहले भी 26 मार्च को डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (VL-SRSAM) का सफल परीक्षण किया था। यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से किया गया था। इस परीक्षण में मिसाइल ने बेहद कम ऊंचाई और करीब की दूरी पर उड़ते लक्ष्य को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था।
इसी महीने भारत ने ‘गौरव’ नामक लॉन्ग रेंज ग्लाइड बम का भी सफल परीक्षण किया है, जिसे सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से दागा गया। यह बम 100 किलोमीटर दूर तक सटीक निशाना लगाने में सक्षम है। इस परियोजना में डीआरडीओ और अदाणी डिफेंस सिस्टम्स का संयुक्त योगदान रहा। इन सभी परीक्षणों से यह साफ हो गया है कि भारत न केवल रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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