पहलगाम के दहशतगर्दों के पोस्टर जारी, 20 लाख रुपये का इनाम घोषित
श्रीनगर। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए वीभत्स आतंकी हमले के बाद पुलिस और सुरक्षाबल पूरी तरह से हरकत में आ गए हैं। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की नृशंस हत्या करने वाले आतंकियों की तलाश तेज कर दी गई है। मंगलवार को शोपियां जिले के विभिन्न इलाकों में तीन संदिग्ध आतंकियों के स्केच युक्त पोस्टर लगाए गए, जिन पर प्रत्येक के लिए 20-20 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने स्पष्ट किया है कि हमले से जुड़े किसी भी आतंकी की सूचना देने वालों की पहचान को पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा। साथ ही लोगों से अपील की गई है कि यदि किसी को इन आतंकियों के बारे में कोई भी जानकारी हो, तो तत्काल पुलिस या सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करें। यह कदम आम लोगों को सुरक्षा एजेंसियों के साथ जोड़ने और आतंकियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
पहलगाम हमले के मुख्य आरोपी अनंतनाग निवासी आदिल ठोकर की तलाश युद्धस्तर पर जारी है। पुलिस के अनुसार, आदिल ठोकर 2018 में पाकिस्तान गया था और वहीं आतंकी प्रशिक्षण प्राप्त किया। वह बीते वर्ष ही जम्मू-कश्मीर लौटा था और पाकिस्तानी आतंकियों के लिए स्थानीय गाइड की भूमिका निभा रहा था। 25 अप्रैल को पुलिस और सुरक्षाबलों ने त्राल (पुलवामा) में आसिफ शेख और बिजबेहरा (अनंतनाग) में आदिल ठोकर के घरों को विस्फोट से उड़ा दिया। इन दोनों पर भी हमले में सक्रिय भागीदारी का संदेह है। पुलिस का मानना है कि हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को इन स्थानीय आतंकियों ने ही सहायता पहुंचाई थी।
हमले के बाद भारतीय सेना ने निर्णायक कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकी शिविरों पर हमला बोला। इस जवाबी कार्रवाई में दर्जनों आतंकियों को ढेर किया गया। यह ऑपरेशन भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है और इससे देश ने स्पष्ट संदेश दिया है कि आतंक की हर कार्रवाई का जवाब सटीक और कठोर मिलेगा।
22 अप्रैल का पहलगाम हमला इसलिए भी ज्यादा भयावह माना जा रहा है, क्योंकि इसमें अहिंसक पर्यटकों को निशाना बनाया गया — वे लोग जो महज सैर-सपाटे और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए कश्मीर आए थे। यह हमला भारत के पर्यटन और सौहार्द्र की छवि को धूमिल करने की साजिश के रूप में देखा जा रहा है।
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