प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना: 9 वर्षों में बदले 10 करोड़ से अधिक परिवारों के जीवन, महिलाओं के लिए बनी सशक्तिकरण का प्रतीक

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना: 9 वर्षों में बदले 10 करोड़ से अधिक परिवारों के जीवन, महिलाओं के लिए बनी सशक्तिकरण का प्रतीक

दिल्ली। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) ने अपने 9 वर्षों के सफर में देशभर में स्वच्छ ईंधन की पहुंच और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियां दर्ज की हैं। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि योजना के तहत अब तक 10.33 करोड़ से अधिक गरीब और वंचित परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराए जा चुके हैं। इसके अलावा 238 करोड़ से अधिक बार एलपीजी सिलेंडर रिफिल कर उपयोगकर्ताओं को लाभ पहुंचाया गया है।

यह योजना 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य उन परिवारों की महिलाओं को स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराना था जो अब तक लकड़ी, गोबर के उपले, कोयले जैसे पारंपरिक और प्रदूषणकारी ईंधनों पर निर्भर थीं। ऐसे ईंधनों से जहां महिलाओं के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है, वहीं यह पर्यावरण के लिए भी नुकसानदेह है।

हरदीप सिंह पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म 'एक्स' पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि “उज्ज्वला योजना के 9 साल, 10.33 करोड़ से ज्यादा परिवार खुशहाल! यह योजना महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए वरदान और सशक्तिकरण की मिसाल बनी है।” उन्होंने कहा कि इस योजना ने देश की लाखों महिलाओं को धुएं से राहत दिलाकर एक सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन दिया है।

मंत्री ने बताया कि उज्ज्वला योजना के तहत अब तक 11,670 नए एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर जोड़े गए हैं, जिससे दुर्गम और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी रसोई गैस सिलेंडर की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित हो रही है। यह न केवल योजना के दायरे को बढ़ाने का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकार जन-कल्याणकारी योजनाओं को लेकर कितनी गंभीर है।

उज्ज्वला योजना ने तीन अहम लक्ष्यों को एक साथ पूरा किया है—महिलाओं का स्वास्थ्य सुधार, पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक सशक्तिकरण। परंपरागत चूल्हों से निकलने वाले धुएं से महिलाएं वर्षों से श्वास संबंधी बीमारियों और आंखों की समस्याओं से पीड़ित रहती थीं। वहीं उज्ज्वला कनेक्शन मिलने के बाद उन्हें सुरक्षित ईंधन मिला, जिससे उनका स्वास्थ्य भी बेहतर हुआ और रसोई का समय भी घटा। इससे महिलाओं को अन्य गतिविधियों—जैसे स्वरोजगार, पढ़ाई या बच्चों की देखभाल—के लिए समय मिल सका।

सरकार का लक्ष्य है कि देश के हर गरीब परिवार की वयस्क महिला को बिना डिपॉजिट के एलपीजी कनेक्शन दिया जाए ताकि ‘धुएं से मुक्ति’ एक सामाजिक आंदोलन बन सके और हर घर तक साफ-सुथरी रसोई पहुंचे। उज्ज्वला योजना केवल एक गैस कनेक्शन नहीं, बल्कि महिलाओं की गरिमा और सम्मान का प्रतीक बन चुकी है।

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