CDS अनिल चौहान बोले- “कल के हथियारों से आज की लड़ाई नहीं जीत सकते

CDS अनिल चौहान बोले- “कल के हथियारों से आज की लड़ाई नहीं जीत सकते

नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने बुधवार को कहा कि भारत को भविष्य की लड़ाइयों के लिए तैयार रहने के लिए विदेशी तकनीक पर निर्भरता छोड़नी होगी। उन्होंने कहा, “हम कल के हथियारों से आज की लड़ाई नहीं जीत सकते। विदेश से आयातित टेक्नोलॉजी पर निर्भरता हमारी युद्ध तैयारियों को कमजोर करती है। जनरल चौहान दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में आयोजित UAV (अनमैन्ड एरियल व्हीकल) और C-UAS (काउंटर अनमैन्ड एरियल सिस्टम) की प्रदर्शनी में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर ने यह साफ कर दिया कि भारत के लिए स्वदेशी एंटी-ड्रोन सिस्टम क्यों जरूरी हैं।

उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने अनआर्म्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया था। हालांकि, भारतीय सेना ने ज्यादातर ड्रोन मार गिराए और वे किसी बड़े सैन्य या सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान नहीं पहुंचा सके। जनरल चौहान ने कहा, “ड्रोन तकनीक युद्ध के मैदान में एक क्रांतिकारी बदलाव लेकर आई है। सेना ने भी इनका इस्तेमाल बेहद कुशलता से किया है। लेकिन हम विदेशी तकनीक पर निर्भर नहीं रह सकते, क्योंकि यह हमारी तैयारियों और उत्पादन क्षमता को प्रभावित करता है। इससे महत्वपूर्ण मैकेनिकल पार्ट्स की कमी भी होती है।

PAK की प्लानिंग 8 घंटे में फेल हुई

जनरल चौहान ने इससे पहले 3 जून को पुणे यूनिवर्सिटी में ‘भविष्य के युद्ध’ विषय पर अपने लेक्चर में बताया था कि 10 मई की रात पाकिस्तान ने भारत को 48 घंटे में घुटने पर लाने की योजना बनाई थी। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने कई जगह एकसाथ हमले किए, लेकिन उसकी योजना 8 घंटे में ही फेल हो गई। इसके बाद बड़े नुकसान के डर से पाकिस्तान ने सीजफायर की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि भारत ने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और पाकिस्तानी सेना को बड़ा संदेश दिया।

नुकसान और संख्या पर चर्चा सही नहीं

भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान भारतीय फाइटर जेट खोने के सवाल पर जनरल चौहान ने कहा कि नुकसान की संख्या पर चर्चा करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा, “महत्वपूर्ण यह है कि युद्ध का परिणाम क्या रहा और हम कैसे कार्रवाई करते हैं। यह क्रिकेट के टेस्ट मैच जैसा है। आप एक पारी से हारते हैं तो कितने रन, कितने विकेट या कितने खिलाड़ी बचे, इससे फर्क नहीं पड़ता। महत्वपूर्ण सिर्फ जीत या हार होती है।

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