सिंगापुर दौरे पर पहुंचे विदेश मंत्री जयशंकर, द्विपक्षीय संबंधों को बताया ‘एक्ट ईस्ट नीति’ का आधार

सिंगापुर दौरे पर पहुंचे विदेश मंत्री जयशंकर, द्विपक्षीय संबंधों को बताया ‘एक्ट ईस्ट नीति’ का आधार

दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर रविवार को सिंगापुर की यात्रा पर पहुंचे, जहां उन्होंने सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों, रणनीतिक सहयोग और निवेश संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई। मुलाकात के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “सिंगापुर हमारी एक्ट ईस्ट नीति के केंद्र में है। यहां विचारों का आदान-प्रदान हमेशा उपयोगी होता है। आज सुबह सिंगापुर में विदेश मंत्री विवियन बाला से मिलना शानदार रहा।”

विदेश मंत्री की यह यात्रा भारत और सिंगापुर के बीच बढ़ते रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को और मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर ने टेमासेक होल्डिंग्स के अध्यक्ष-नामित टियो ची हीन से भी भेंट की। उन्होंने भारत में जारी परिवर्तन, नीतिगत सुधारों और निवेश के नए अवसरों पर विस्तार से चर्चा की। जयशंकर ने इस मुलाकात को लेकर लिखा, “आज टेमासेक होल्डिंग्स के चेयरमैन-डिज़िग्नेट टियो ची हीन से मिलकर खुशी हुई। भारत में हो रहे परिवर्तन और निवेश के अवसरों पर चर्चा की।”

यह यात्रा भारत-सिंगापुर के बीच नियमित उच्चस्तरीय संवादों की श्रृंखला का हिस्सा है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर की यह विदेश यात्रा केवल सिंगापुर तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसके बाद वह चीन भी जाएंगे, जहां तिआनजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में भाग लेंगे। वहां उनकी कई देशों के नेताओं से द्विपक्षीय बैठकें भी तय हैं।

गौरतलब है कि 2 जुलाई को भारत के विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) पी. कुमारन ने भी नई दिल्ली में सिंगापुर के विदेश मामलों के विकास सचिव ल्यूक गोह से मुलाकात की थी। उस दौरान दोनों देशों के बीच विभिन्न प्राथमिक क्षेत्रों में सहयोग की समीक्षा की गई थी।

साल 2025 भारत और सिंगापुर के लिए विशेष महत्व का वर्ष है, क्योंकि दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस ऐतिहासिक अवसर को चिह्नित करते हुए 16 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम ने नई दिल्ली में एक संयुक्त प्रतीक चिह्न (लोगो) जारी किया था। यह प्रतीक भारत और सिंगापुर के राष्ट्रीय ध्वजों के रंग, भारत का राष्ट्रीय पुष्प कमल और सिंगापुर का राष्ट्रीय पुष्प ऑर्किड को समेटे हुए “60” की आकृति में प्रस्तुत किया गया है। यह लोगो दोनों देशों के बीच 60 वर्षों की गहरी दोस्ती, आपसी विश्वास और साझे मूल्यों का प्रतीक बन चुका है।

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BIHAR - JHARKHAND