पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन
दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 78 वर्ष के थे और उन्होंने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में दोपहर 1:12 बजे अंतिम सांस ली। मलिक पिछले कुछ समय से किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। उनकी हालत बिगड़ने पर 11 मई को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर है।
सत्यपाल मलिक का राजनीतिक जीवन चार दशकों से अधिक लंबा रहा। वे न सिर्फ एक अनुभवी राजनेता थे, बल्कि उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर भी कार्य किया। वे जम्मू-कश्मीर, बिहार, गोवा और मेघालय के राज्यपाल रहे। 2018 में उन्होंने ओडिशा के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला। राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल अक्सर चर्चा में रहा, खासकर जम्मू-कश्मीर में, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक रहा। यह उनके राजनीतिक जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दौर था। इन्हीं के कार्यकाल के दौरान, 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को समाप्त करने का ऐतिहासिक फैसला लिया था। इस फैसले के समय, जम्मू-कश्मीर में कोई चुनी हुई सरकार नहीं थी, और राज्य का पूरा प्रशासन राज्यपाल के हाथ में था। इस घटना ने मलिक को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला दिया था। उन्होंने इस दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सत्यपाल मलिक के निधन पर कई राजनेताओं ने शोक व्यक्त किया है। उनके निधन को भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति माना जा रहा है। उनके अनुभव और राजनीतिक समझ को हमेशा याद किया जाएगा। उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव उत्तर प्रदेश के बागपत में किया जाएगा।
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