नीरव मोदी के भाई निहाल मोदी अमेरिका में गिरफ्तार

नीरव मोदी के भाई निहाल मोदी अमेरिका में गिरफ्तार

नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के सिलसिले में लंबे समय से वांछित नीरव मोदी के भाई निहाल मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, यह गिरफ्तारी 4 जुलाई को की गई। इस गिरफ्तारी की पुष्टि अमेरिकी न्याय विभाग ने भी कर दी है। भारत की प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने निहाल मोदी के प्रत्यर्पण की अपील की थी। अब निहाल मोदी की जमानत पर सुनवाई 17 जुलाई को नेशनल डिस्ट्रिक्ट ऑफ होनोलूलू (NDOH) में होगी।

PNB घोटाले और सबूत मिटाने के आरोप

अधिकारियों के मुताबिक, निहाल मोदी पर न केवल अमेरिका में LLD डायमंड्स के साथ धोखाधड़ी का आरोप है, बल्कि उस पर भारत में हुए 13,600 करोड़ रुपए के PNB घोटाले में भी शामिल होने का आरोप है। जांच एजेंसियों का दावा है कि निहाल मोदी ने अपने भाई नीरव मोदी की मदद में फर्जी कंपनियों और शेल खातों के जरिए बड़ी रकम इधर-उधर करने में अहम भूमिका निभाई। ईडी और सीबीआई की जांच में यह भी सामने आया कि निहाल मोदी ने घोटाले से जुड़े कई सबूत नष्ट करने की कोशिश की थी।

भारत कर रहा प्रत्यर्पण की कोशिश

भारत सरकार लगातार निहाल मोदी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में जुटी है। इससे पहले नीरव मोदी को भी लंदन में गिरफ्तार किया गया था और उसके प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन की अदालतों में मामला लंबित है। नीरव मोदी पर पीएनबी घोटाले में प्रमुख साजिशकर्ता होने का आरोप है। अधिकारियों ने बताया कि निहाल मोदी पर अमेरिका में भी धोखाधड़ी के अलग-अलग मामलों की जांच चल रही है। LLD डायमंड्स से जुड़े मामले में भी उस पर करोड़ों डॉलर की हेराफेरी का आरोप है।

क्या है PNB घोटाला?

बता दें, PNB घोटाला 2018 में उजागर हुआ था। इसमें नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOU) के जरिए 13,600 करोड़ रुपए से ज्यादा की बैंकिंग धोखाधड़ी की थी। यह देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक माना जाता है। इस घोटाले के बाद नीरव मोदी भारत छोड़कर फरार हो गया था। फिलहाल वह लंदन की जेल में बंद है और उसके प्रत्यर्पण की कार्यवाही ब्रिटिश अदालतों में लंबित है। वहीं मेहुल चोकसी कैरेबियाई देश एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले चुका है और भारत उसे वापस लाने की कोशिश कर रहा है। अब निहाल मोदी की गिरफ्तारी से उम्मीद की जा रही है कि इस घोटाले की कड़ियों को जोड़ने में भारत को और मदद मिलेगी।

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