सीएम नीतीश कुमार के नाम पर बना फर्जी आवासीय प्रमाण पत्र, मुजफ्फरपुर में केस दर्ज
पुलिस कर रही जांच, IP एड्रेस के जरिए आरोपी की हो रही पहचान
मुजफ्फरपुर। बिहार में आवासीय प्रमाण पत्र से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस प्रकरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पर फर्जी आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने की सनसनीखेज साजिश का मामला सामने आया है। यह मामला मुजफ्फरपुर जिले के सरैया अंचल कार्यालय से जुड़ा है, जहां 29 जुलाई को ऑनलाइन आए एक आवेदन की जांच के दौरान यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ।
राजस्व अधिकारी अभिषेक सिंह ने इस पूरे मामले को गंभीर साजिश करार देते हुए सरैया थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि यह कोशिश मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से की गई थी।
राजस्व अधिकारी के अनुसार, 29 जुलाई को जब वे ऑनलाइन आए आवेदनों की नियमित जांच कर रहे थे, तभी एक आवेदन ने उनका ध्यान खींचा। इस आवेदन में आवेदक का नाम “नीतीश कुमारी”, पिता का नाम लखन पासवान और माता का नाम लकिया देवी दर्ज था। लेकिन आश्चर्य की बात यह थी कि आवेदन पत्र में लगी तस्वीर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की थी। मामले की और गहराई से जांच की गई तो यह स्पष्ट हो गया कि यह पूरा आवेदन फर्जी था।
नीतीश कुमार की असली पहचान
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिता का नाम कविराज राम लखन सिंह और माता का नाम परमेश्वरी देवी है। वे मूल रूप से नालंदा जिले के कल्याण बिगहा गांव के निवासी हैं। ऐसे में इस आवेदन में दर्ज नाम और तस्वीर साफ तौर पर जानबूझ कर मिलाई गई छेड़छाड़ का संकेत दे रही है।
अब पुलिस की बारी, तकनीकी जांच जारी
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरैया थाना पुलिस ने त्वरित जांच शुरू कर दी है। ऑनलाइन आवेदन करने वाले की पहचान के लिए आईपी एड्रेस का पता लगाया जा रहा है। एसआई अनिल कुमार को इस केस का जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही साजिशकर्ता तक पहुंच बना ली जाएगी और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी
फर्जी प्रमाणपत्रों का बढ़ता चलन, सिस्टम पर सवाल
हाल के दिनों में बिहार में डिजिटल माध्यम से फर्जी प्रमाणपत्र बनवाने के कई मामले सामने आए हैं। इससे एक ओर जहां सरकार की ऑनलाइन प्रक्रिया की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक लापरवाही भी उजागर हो रही है।
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