हाईकोर्ट ने रद्द किया धनबाद कोल बोर्ड सोसाइटी को भंग करने का आदेश
रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने धनबाद कोल बोर्ड कॉपरेटिव सोसाइटी को भंग करने के आदेश को खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस एवं जस्टिस दीपक रौशन की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि कॉपरेटिव सोसाइटी के रजिस्ट्रार किसी ऐसी संस्था को भंग करने का अधिकार नहीं रखते, जिसमें राज्य सरकार का वित्तीय सहयोग न हो।
पृष्ठभूमि
वर्ष 2022 में धनबाद कोल बोर्ड कॉपरेटिव सोसाइटी को भंग कर वहां एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त कर दिया गया था। यह आदेश कॉपरेटिव सोसाइटी के रजिस्ट्रार द्वारा जारी किया गया था। इस फैसले के खिलाफ तत्कालीन सचिव अरविंद सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
कोर्ट में हुई सुनवाई
याचिका पर वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार और अपराजिता भारद्वाज ने बहस की। उन्होंने अदालत के समक्ष यह तर्क रखा कि रजिस्ट्रार के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है कि वह बिना राज्य सरकार के वित्तीय सहयोग वाली किसी कॉपरेटिव संस्था को भंग कर सके। अदालत ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए रजिस्ट्रार के आदेश को अवैध करार दिया।
न्यायालय का निर्णय
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि कॉपरेटिव सोसाइटी के रजिस्ट्रार केवल उन्हीं संस्थाओं को भंग करने का आदेश दे सकते हैं, जो राज्य सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त करती हैं। धनबाद कोल बोर्ड कॉपरेटिव सोसाइटी राज्य सरकार से किसी भी प्रकार का वित्तीय सहयोग नहीं लेती थी।
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