जमशेदपुर : एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बड़ा हादसा, छत गिरने से तीन मरीजों की मौत, दो घायल
जमशेदपुर। जमशेदपुर के कोल्हान क्षेत्र स्थित सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शनिवार को दर्दनाक हादसा हुआ। अस्पताल के मेडिसिन वार्ड के बी ब्लॉक की तीसरी मंजिल की कॉरिडोर की छत अचानक भरभराकर गिर गई। गिरती छत का मलबा दूसरी मंजिल की छत को तोड़ते हुए सीधे पहली मंजिल तक आ गया, जिससे नीचे मौजूद मरीज उसकी चपेट में आ गए।
घटना के वक्त कॉरिडोर से सटे बरामदे में लावारिस मरीजों को रखा गया था। मलबे के नीचे दबकर तीन मरीजों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों की पहचान गदला निवासी लुकास साइमन तिर्की (61), साकची निवासी डेविड जॉनसन (73) और सरायकेला निवासी श्रीचंद तांती (65) के रूप में हुई है। घायलों में रेणु देवी (83) और सुनील कुमार (50) शामिल हैं, जिन्हें रेस्क्यू टीम ने बाहर निकाला और इलाज शुरू कराया गया है।
इनमें से रेणु देवी की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। हादसे के बाद अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में एनडीआरएफ की टीम को मौके पर बुलाया गया, जो रात करीब 11 बजे घटनास्थल पर पहुंची और राहत कार्य में जुट गई। रात 1 बजे तीसरे मरीज का शव मलबे से बाहर निकाला गया। घटना की सूचना मिलते ही जिला उपायुक्त अनन्य मित्तल पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है, जिसमें एसडीओ, भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता और एमजीएम कॉलेज के प्राचार्य को शामिल किया गया है। इस समिति को 48 घंटे में जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। डीसी ने कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रात में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी भी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए, तथा घायलों को पचास-पचास हजार रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की। मंत्री ने यह भी कहा कि एमजीएम अस्पताल के पुराने और जर्जर भवनों को तोड़ा जाएगा और अस्पताल को नए भवन में स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने प्रशासन को इस दिशा में त्वरित कार्यवाही करने का निर्देश भी दिया। उपायुक्त अनन्य मित्तल ने बताया कि घटना के वक्त मेडिसिन वार्ड में कुल 15 मरीज भर्ती थे, जिनमें से 12 पूरी तरह सुरक्षित हैं। तीन की मौत हो चुकी है और दो का इलाज चल रहा है। राहत कार्य तेजी से चलाया जा रहा है ताकि किसी और को नुकसान न हो।
हादसे से महज कुछ मिनट पहले ही मेडिसिन विभाग के कॉन्फ्रेंस हॉल में एक साइंटिफिक सत्र चल रहा था, जिसमें विभागाध्यक्ष डॉ. बलराम झा सहित करीब दो दर्जन डॉक्टर भाग ले रहे थे। डॉ. झा ने बताया कि दोपहर 2:30 बजे डॉक्टरों ने कॉरिडोर से गुजरकर हॉल में प्रवेश किया था, और करीब 3:20 बजे हादसा हो गया। अगर घटना कुछ मिनट पहले होती, तो बड़ी संख्या में डॉक्टर भी इसकी चपेट में आ सकते थे।
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