शिक्षक पति और पत्नी की पोस्टिंग पर नई नीति: परिवार को ध्यान में रखते हुए ट्रांसफर का नया नियम
शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए नई नीति पर बनी कमेटी की पहली बैठक
पटना। राज्य के शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। पति-पत्नी दोनों शिक्षक हैं, तो अब उनकी पोस्टिंग एक ही स्थान पर होगी। नई नीति के तहत अब शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग में मानवीय पहलुओं को प्राथमिकता दी जाएगी। ACS डॉ. एस सिद्धार्थ के निर्देशन में गठित कमेटी ने अपनी पहली बैठक में यह निर्णय लिया है।
शिक्षक पति-पत्नी एक शहर में
जानकारी के मुताबिक, शिक्षक पति-पत्नी की पोस्टिंग एक ही शहर में होगी, और संभव हुआ तो एक ही स्कूल में भी की जाएगी। यदि ऐसा संभव नहीं होता है, तो दोनों को आसपास के स्कूलों में रखा जाएगा। यह कदम शिक्षकों के बीच उत्साह और सहूलियत बढ़ाने की दिशा में उठाया गया है।
गंभीर बीमारियों और दिव्यांग शिक्षकों को प्राथमिकता
कमेटी ने यह भी तय किया है कि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे शिक्षकों और उनके परिवार के सदस्यों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। दिव्यांग शिक्षकों को भी इस नई नीति का लाभ मिलेगा। इससे शिक्षकों की समस्याओं को दूर करने में काफी मदद मिलेगी।
4 तरह के शिक्षक हो जाएंगे
राज्य में फिलहाल 3 तरह के शिक्षक हैं, लेकिन नई नीति के लागू होने के बाद 4 तरह के शिक्षक हो जाएंगे। ग्रेड पे वाले शिक्षक, नियोजित शिक्षक, बीपीएससी से चयनित शिक्षक और विशिष्ट शिक्षक। प्रत्येक कैडर के लिए अलग-अलग ट्रांसफर नीति बनेगी, जिससे शिक्षकों को कोई परेशानी न हो।
सरकारी स्कूलों की छुट्टी तय करना होगा
इसके अलावा, सरकारी स्कूलों की छुट्टियों और अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियों की नीति भी कमेटी द्वारा बनाई जाएगी। इस नीति का उद्देश्य शिक्षकों की कार्यस्थलीय समस्याओं को दूर करना और शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाना है।
कमेटी की 15 दिन में रिपोर्ट
ACS डॉ. एस सिद्धार्थ ने ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर कमेटी का गठन किया है। शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है, और प्राथमिक एवं माध्यमिक निदेशकों को सदस्य के रूप में नामित किया गया है। कमेटी 15 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
शिक्षकों की नजर बैठक पर
IAS डॉ. सिद्धार्थ द्वारा गठित उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक पर 5 लाख से अधिक शिक्षकों की नजर है। राज्य के 1 से 8वीं कक्षा तक के लगभग 4 लाख और 9वीं से 12वीं कक्षा तक के 1 लाख शिक्षक इस नीति के लाभार्थी होंगे।
2022 से अटका हुआ तबादला
2022 में शिक्षकों के तबादले के लिए आवेदन मांगे गए थे, लेकिन तबादला प्रक्रिया अटकी हुई है। नई नीति के आने से इस प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है।
कमेटी का कार्य
कमेटी का कार्य शिक्षकों के तबादले में फंसी समस्याओं का समाधान निकालना और सरकार को सुझाव देना है। इसके अलावा, बाहर ट्रांसफर लेने पर सीनियॉरिटी गंवाने की समस्या का समाधान भी इस नीति के तहत निकाला जाएगा। नई नीति के लागू होने से शिक्षकों की ट्रांसफर प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होगी, जिससे शिक्षकों की कार्यक्षमता और संतोष में वृद्धि होगी।
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