बिहार में पुलों के गिरने पर जनहित याचिका: सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा
पटना। बिहार में लगातार पुलों के गिरने की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। यह याचिका ब्रजेश सिंह नामक नागरिक द्वारा दायर की गई, जिन्होंने पुलों की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं। बिहार में हाल के दिनों में कई पुलों के ध्वस्त होने की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें सबसे प्रमुख घटना भागलपुर में गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल का ढहना शामिल है। इस पुल का एक हिस्सा साल 2022 में भी गिर चुका था, लेकिन तब से लेकर अब तक इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था।
कोर्ट की सख्ती: विशेषज्ञ समिति के गठन का आदेश
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर यह पूछा है कि इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार कौन है और इसके लिए क्या कदम उठाए गए हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को विशेषज्ञों की एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने का निर्देश दिया है, जो पुलों की गुणवत्ता और सुरक्षा की जांच करेगी।
विपक्ष का सरकार पर हमला
इस मुद्दे ने राज्य की राजनीति में भी हलचल मचा दी है। विपक्ष ने इन घटनाओं को लेकर सरकार पर जोरदार हमला किया है और इसे नीतीश कुमार की सरकार की विफलता बताया है। मानसून सत्र के दौरान विपक्ष ने बिहार विधानसभा में जोरदार विरोध प्रदर्शन भी किया।
इंजीनियरों की बर्खास्तगी और समिति का गठन
इन घटनाओं के बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 3 जुलाई को एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें पुलों की निगरानी और सुरक्षा पर चर्चा की गई। इसके बाद सरकार ने कई इंजीनियरों को बर्खास्त कर दिया और एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया, जो इन घटनाओं की जांच करेगी और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के उपाय सुझाएगी।
क्या होगा राज्य सरकार का जवाब?
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है, जिसके भीतर उन्हें इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इस दौरान सरकार को यह बताना होगा कि उन्होंने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाए हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या योजनाएं बनाई हैं। इस पूरे मामले में बिहार के लोगों की सुरक्षा और संरचना की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार इन सवालों का क्या जवाब देती है और क्या कदम उठाती है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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