महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस ने तेजस्वी से की मुलाकात, जल्द तय करने पर दिया जोर
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर महागठबंधन में सीट बंटवारे की प्रक्रिया तेज हो गई है। इसी क्रम में सोमवार को कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारू, प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार और विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने तेजस्वी से आग्रह किया कि सीटों का बंटवारा जल्द से जल्द तय हो, ताकि महागठबंधन समय पर अपनी रणनीति के साथ मैदान में उतर सके।
कांग्रेसी नेताओं ने स्पष्ट किया कि सीटों का चयन रणनीतिक दृष्टिकोण से किया जाए, जिससे हर सीट पर महागठबंधन के उम्मीदवार की स्थिति मजबूत हो और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के प्रत्याशियों को टक्कर दी जा सके। उन्होंने कहा कि गठबंधन की एकता और समन्वय तभी संभव है, जब निर्णय समय पर और पारदर्शी तरीके से हों।
गौरतलब है कि 12 जून को हुई महागठबंधन की बैठक में सभी घटक दलों को निर्देश दिया गया था कि वे अगली बैठक से पहले अपनी प्राथमिकता वाली सीटों की सूची तैयार कर साझा करें। उसी बैठक में कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर संयुक्त आंदोलन की भी रूपरेखा बनी थी।
कांग्रेस भी बिहार में पूरी ताकत से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने बताया कि कांग्रेस सीटों को लेकर एक विस्तृत सर्वे करवा रही है, जिसमें जीत की संभावना वाली सीटों का विश्लेषण किया जा रहा है। उन्हीं सीटों पर उम्मीदवार उतारे जाएंगे, जहां पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहा हो या संभावना प्रबल हो।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की रविवार को हुई बैठक में यह तय किया गया कि संभावित प्रत्याशियों के नामों को अगली समन्वय समिति की बैठक में साझा किया जाएगा। इस फैसले से स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि कांग्रेस अब महागठबंधन में अपनी भूमिका को लेकर पहले से ज्यादा सक्रिय और मुखर है।
इस बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी बिहार में लगातार सक्रिय हैं। राहुल गांधी कई बार राज्य का दौरा कर चुके हैं, जबकि खड़गे ने बक्सर में एक बड़ी रैली को संबोधित किया था। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की मौजूदगी यह संकेत दे रही है कि इस बार पार्टी बिहार में अपनी जमीन मजबूत करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।
अब तक महागठबंधन की चार बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन सीटों का अंतिम निर्धारण अभी शेष है। अगली बैठक में सीट शेयरिंग को अंतिम रूप देने की कोशिश की जाएगी। वहीं लेफ्ट दलों के बीच सीटों को लेकर असंतोष भी सामने आया है। भाकपा माले द्वारा 45 सीटों पर दावेदारी जताए जाने के बाद सीपीआई और अन्य वामपंथी दलों ने नाराजगी जताई है, जिससे महागठबंधन के भीतर हलचल और बढ़ गई है।
आगामी बैठक में यह देखना दिलचस्प होगा कि महागठबंधन एकजुटता के साथ किस फॉर्मूले पर सहमति बनाता है और किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगा। फिलहाल, कांग्रेस और राजद के बीच संवाद से यह संकेत जरूर मिल रहा है कि अब सीटों को लेकर फैसले की घड़ी नजदीक है।
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