मनीष कश्यप ने भाजपा से दिया इस्तीफा
पटना। सोशल मीडिया पर चर्चित युवा चेहरा और पूर्व पत्रकार मनीष कश्यप ने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसकी घोषणा खुद अपने यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया 'एक्स' पर वीडियो जारी कर की। मनीष कश्यप ने साफ कहा कि वे पार्टी में रहकर जनता की सेवा नहीं कर पा रहे थे और अब वे बिना किसी राजनीतिक प्रतिबंध के सीधे जनता के लिए संघर्ष करेंगे।
अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए मनीष कश्यप ने कहा, "पार्टी में रहते हुए मैंने देखा कि जिन वादों के दम पर हमें जोड़ा गया था, उन पर पार्टी खरा नहीं उतर रही है। मैं जनता की आवाज को दबता हुआ देख रहा हूं, लेकिन कुछ कर नहीं पा रहा। इसलिए मैंने निर्णय लिया है कि अब पार्टी की सीमाओं से बाहर निकलकर पूरी तरह से जनता की सेवा करूंगा।
मनीष कश्यप ने एक वीडियो जारी कर पश्चिम चंपारण जिले के चनपटिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जनता से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में जनता ने उनपर भरोसा किया था, लेकिन उनसे एक बड़ी गलती हो गई। वे बोले, "नेताओं की बातों में आकर एक ऐसा निर्णय ले लिया, जिससे मेरे शुभचिंतक और समर्थक निराश हुए। मैं चनपटिया की जनता से हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।
मनीष कश्यप ने यह भी संकेत दिए हैं कि वे आने वाले 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में चनपटिया विधानसभा क्षेत्र से अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं। गौरतलब है कि मनीष कश्यप पहले भी वर्ष 2020 में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चनपटिया से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, हालांकि उन्हें उस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले वे जनता से चंदा लेकर चुनाव लड़ने की तैयारी में थे, लेकिन अचानक भाजपा में शामिल हो गए थे। उस वक्त चर्चाओं में यह बात सामने आई थी कि उन्होंने पार्टी में शामिल होने के लिए राजनीतिक दबाव और रणनीति का सहारा लिया। मगर अब जब भाजपा से उनका मोहभंग हुआ है, तो वे एक बार फिर "जनता के उम्मीदवार" की छवि में लौटने की कोशिश कर रहे हैं।
मनीष कश्यप की सबसे बड़ी ताकत उनका सोशल मीडिया है, जहां लाखों लोग उन्हें फॉलो करते हैं। वे खुद को जनता का सच्चा सिपाही बताते हैं और कई बार जनहित के मुद्दों को सोशल प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए उठाते रहे हैं। इस्तीफे के बाद उन्होंने स्पष्ट किया है कि उनका मकसद किसी पार्टी विशेष की सेवा नहीं, बल्कि जनता की सेवा करना है।
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