झारखंड के चीफ जस्टिस होंगे तरलोक सिंह चौहान,आज रांची पहुंचें शपथ समारोह कल
रांची। झारखंड हाईकोर्ट के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश जस्टिस तरलोक सिंह चौहान आज रांची पहुंचेंगे। वे सुबह 11:55 बजे भगवान बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर लैंड करेंगे, जहां झारखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उनका औपचारिक स्वागत किया जाएगा। उनके स्वागत की तैयारियों को लेकर हाईकोर्ट प्रशासन में उत्साह है। एयरपोर्ट से वे सीधे निर्धारित कार्यक्रमों के तहत राजधानी में रुकेंगे।
राजभवन में होगा शपथ ग्रहण समारोह
जस्टिस चौहान 23 जुलाई को सुबह 10 बजे झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह राजधानी रांची स्थित राजभवन में आयोजित किया गया है। समारोह में झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। यह एक औपचारिक और गरिमामय आयोजन होगा, जिसमें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भी शामिल होने की संभावना है। इसके साथ ही राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, अधिवक्ता संघ के सदस्य और कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहेंगे।
परिवार के 60 से अधिक सदस्य पहुंचेंगे रांची
शपथ ग्रहण समारोह को पारिवारिक गरिमा भी प्राप्त होगी, क्योंकि जस्टिस चौहान के परिवार के लगभग 50 से 60 सदस्य इस अवसर पर विशेष रूप से रांची पहुंचेंगे। उनके ठहरने के लिए राज्य अतिथि गृह के साथ-साथ शहर के प्रमुख होटलों में विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। परिजनों के पहुंचने का सिलसिला पहले ही शुरू हो गया है।
जस्टिस तरलोक सिंह चौहान : न्यायपालिका का मजबूत स्तंभ
जस्टिस चौहान का न्यायिक सफर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से शुरू हुआ। वे वहां के वरिष्ठतम न्यायाधीशों में शामिल रहे हैं। शिमला में स्कूली शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से विधि की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 1989 में हिमाचल प्रदेश स्टेट बार काउंसिल में वकील के तौर पर नामांकन कराने के साथ ही उन्होंने विधिक क्षेत्र में अपनी यात्रा शुरू की। उन्होंने लंबे समय तक स्वतंत्र रूप से वकालत की, जिसमें उन्होंने विभिन्न संवैधानिक, नागरिक और आपराधिक मामलों में विशेष दक्षता दिखाई। उनकी न्यायिक सेवा की शुरुआत वर्ष 2014 में हुई, जब उन्हें हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उसी वर्ष वे स्थायी न्यायाधीश बनाए गए। अपने अब तक के कार्यकाल में उन्होंने कई ऐतिहासिक और दूरगामी प्रभाव वाले फैसले सुनाए हैं। वे न्यायिक प्रणाली में पारदर्शिता, त्वरित सुनवाई और संवेदनशील न्याय के पक्षधर माने जाते हैं।
झारखंड न्यायपालिका को मिला अनुभवी नेतृत्व
जस्टिस चौहान के झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनने से राज्य की न्यायपालिका को एक कुशल, अनुभवसम्पन्न और संवेदनशील नेतृत्व मिलने जा रहा है। उनके आने से न्यायिक प्रक्रिया की गति और गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद की जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि जस्टिस चौहान जैसे निष्पक्ष और सिद्धांतप्रिय न्यायाधीश की उपस्थिति न्याय प्रणाली को मजबूती देगी और आम जनता का न्यायपालिका पर विश्वास और प्रगाढ़ होगा।
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