10 दिन में फंड भेजें वरना रुकेगी केके पाठक की सैलरी
पटना। हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को राज्य के विश्वविद्यालयों के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के स्वीकृत बजट का पैसा दस दिनों के भीतर जारी करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा कि पैसा नहीं दिए जाने पर शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दी जाएगी। कोर्ट ने तीन विश्वविद्यालयों के खाता संचालन पर पाबंदी के शिक्षा विभाग के आदेश पर भी रोक लगा दी है पटना हाई कोर्ट ने सभी विश्वविद्यालयों के खातों के संचालन पर रोक लगाने और कुलपतियों के बैठक में भाग नहीं लेने के मामले पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए हैं। जस्टिस अंजनी कुमार शरण की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई की। अगली सुनवाई 25 जून को की जाएगी। बता दें कि एसीएस केके पाठक के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के बजट की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई थी। इसमें भाग नहीं लिए जाने पर विश्वविद्यालय के सभी खातों के संचालन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। कोर्ट मे विश्वविद्यालयों की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद, विंध्याचल राय, रितेश कुमार, राणा विक्रम सिंह, मो. असहर मुस्तफा, राजेश प्रसाद चौधरी शामिल हुए। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार ने 16 मई को पत्र जारी कर विश्वविद्यालयों के बजट की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई थी। इसमें भाग नहीं लिए जाने पर विश्वविद्यालय के सभी खातों के संचालन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। कोर्ट को बताया गया कि मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय एवं मुंगेर विश्वविद्यालय के खातें को सीज किया गया है। शिक्षा विभाग ने तीनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से शो कॉज किया है। विभाग ने यह पूछा है कि क्यों नहीं उन्हें पदच्युत करने की कार्रवाई प्रारंभ की जाए। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव IAS केके पाठक के विभाग में घोटाला हो गया। बेंच डेस्क आपूर्ति में बड़ा घालमेल हो गया। इसके बाद केके पाठक ने एक्शन लिया है। उन्होंने बेंच डेस्क आपूर्तिकर्ता पर एक्शन लिया गया है। केके पाठक ने दो एजेंसी पर FIR दर्ज करवाया है। साथ ही इन दोनों एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। वहीं, 27 लाख रुपए से अधिक का जुर्माना भी वसूल लिया।
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