औरंगाबाद में एंबुलेंसकर्मियों की हड़ताल समाप्त: तीन माह का बकाया मानदेय मिलने पर लौटे काम पर
औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े 102 एंबुलेंसकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुक्रवार को समाप्त हो गई। तीन माह से लंबित मानदेय के भुगतान के बाद कर्मी वापस अपने कार्यों पर लौट आए हैं। बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ (इंटक) के बैनर तले इन कर्मियों ने गुरुवार को हड़ताल की थी, जिसके कारण जिले में एंबुलेंस सेवाएं प्रभावित हुई थीं। औरंगाबाद जिले के सदर मुख्यालय और विभिन्न प्रखंडों में कार्यरत 102 एंबुलेंस सेवा से जुड़े कर्मियों का मई 2024 से मानदेय बकाया था। कर्मचारियों का आरोप था कि नियोक्ता एजेंसी, पीडीपीएल, ने पिछले तीन महीनों से उनका मानदेय नहीं दिया है। इसके साथ ही भविष्य निधि (PF) अंशदान में भी कटौती की गई, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति पर गहरा असर पड़ा। औरंगाबाद जिला अध्यक्ष, संतोष कुमार टाइगर, ने बताया कि कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का सहारा लिया क्योंकि उनकी मांगे लंबे समय से अनसुनी हो रही थीं। इस हड़ताल में एंबुलेंस चालक, शव वाहन चालक और EMT कर्मी शामिल थे। गुरुवार को हड़ताल के पहले दिन जिले के लगभग 140 एंबुलेंसकर्मियों ने सदर अस्पताल परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों को प्रमुखता से उठाया। कर्मचारियों का कहना था कि उनका मानदेय मिलना उनका हक है और इसे लेकर लगातार अनदेखी की जा रही थी। प्रदर्शनकारियों में प्रवीण कुमार सिंह, गोपाल सिंह, सुरेंद्र कुमार, राजेश कुमार, विनय कुमार यादव, संजय कुमार और राजानंद जैसे कर्मियों के साथ अन्य लोग भी मौजूद थे। हड़ताल के दौरान पीडीपीएल एजेंसी के एसीओ धरना स्थल पर पहुंचे और कर्मियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगे जल्द पूरी की जाएंगी। मध्य रात्रि तक कर्मियों को तीन माह का बकाया मानदेय मिल गया, जिससे कर्मचारियों ने आंशिक संतोष व्यक्त किया। इसके अलावा, शेष बकाया राशि के भुगतान के लिए एक सप्ताह की समयसीमा दी गई है। एंबुलेंसकर्मियों ने इस आश्वासन के बाद हड़ताल समाप्त कर दी और शुक्रवार रात से ही सेवाओं पर लौट आए। इस घटनाक्रम से जिले में एंबुलेंस सेवाएं फिर से सुचारू हो गई हैं।
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