डेहरी: सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, रेल संपत्ति की करोड़ों की चोरी में सीनियर सेक्शन इंजीनियर समेत तीन गिरफ्तार
रोहतास। रेलवे की संपत्ति को कबाड़ में बेचकर करोड़ों की अवैध कमाई करने वाले एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। इस गोरखधंधे में शामिल पूर्व मध्य रेलवे के डेहरी स्थित कार्यालय में पदस्थापित सीनियर सेक्शन इंजीनियर राजकुमार सिंह समेत तीन रेलकर्मियों को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई की यह कार्रवाई रेल विजिलेंस टीम के साथ मिलकर डेहरी और औरंगाबाद के सोननगर कार्यालयों में छापेमारी के बाद की गई। इस कार्रवाई को पंडित दीनदयाल उपाध्याय-गया रेलखंड पर सीबीआई की अब तक की सबसे बड़ी रेड बताया जा रहा है। छापेमारी में टीम को करोड़ों रुपये के लेनदेन, अवैध बिक्री और साजिश के पुख्ता प्रमाण मिले हैं।
सीनियर सेक्शन इंजीनियर राजकुमार सिंह जनवरी महीने में ही पटना के दानापुर से तबादला होकर डेहरी आए थे, लेकिन आरोप है कि वे अपने पिछले कार्यकाल से ही रेल संपत्ति की चोरी में लिप्त थे। उन्होंने करोड़ों रुपये की रेलवे सामग्री की बिक्री की और अवैध रूप से मोटी रकम अर्जित की। यह पूरा मामला दो महीने पहले सीबीआई के संज्ञान में आया था, जिसके बाद जाँच शुरू की गई थी।
सीबीआई को मिले सुराग के आधार पर सोननगर के पास एक ट्रक पर लदी साढ़े आठ टन रेलवे सामग्री को जब्त किया गया। यह ट्रक गुरुवार को ही धर्मकांटा पर कांटा गया था और शुक्रवार को इसे अन्यत्र स्थान पर भेजा जाना था। इस दौरान सीबीआई की टीम ने तेजी से कार्रवाई कर माल को जब्त किया।
सीनियर सेक्शन इंजीनियर राजकुमार सिंह की गिरफ्तारी के बाद उनकी मिलीभगत में काम कर रहे अन्य रेलकर्मी विनोद कुमार को भी सीबीआई ने डेहरी रेल परिसर से नाटकीय ढंग से धर दबोचा। आरोप है कि राजकुमार सिंह अपनी अवैध कमाई को विनोद कुमार के खाते में जमा करता था। इसके अलावा संविदा पर कार्यरत भीम कुमार की भूमिका भी इस पूरे गोरखधंधे में सामने आई है।
रेलवे विभाग के अन्य अधिकारियों को लगता था कि सामग्री को किसी काम के लिए भेजा जा रहा है। लेकिन हकीकत यह थी कि दिन के उजाले में रेल संपत्ति को ट्रकों में भरकर कबाड़ में बेचा जा रहा था। यह अवैध बिक्री एक लंबे समय से जारी थी, लेकिन सीनियर सेक्शन इंजीनियर की गिरफ्तारी के बाद इसका खुलासा हुआ है।
सीबीआई को इस बात की जानकारी है कि चोरी से कमाए गए पैसे का इस्तेमाल कहां-कहां और किस रूप में किया गया है। सीबीआई अब इस मामले से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका की जांच कर रही है। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इस घोटाले से जुड़े और भी बड़े चेहरे बेनकाब होंगे।
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