धनबाद से गिरफ्तार 4 संदिग्ध निकले आतंकी, NIA की टीम करेगी पूछताछ
धनबाद। धनबाद जिले के वासेपुर इलाके से झारखंड एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए चारों संदिग्ध आतंकवादी संगठन के सदस्य निकले हैं। शनिवार को एटीएस की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए गुलफाम हसन, आयान जावेद, शहजाद और शबनम परवीन को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि ये सभी हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी), अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस), आईएसआई और अन्य प्रतिबंधित संगठनों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे। पूछताछ पूरी होने के बाद चारों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि ये आरोपी सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को बहकाकर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए तैयार कर रहे थे। उनकी योजना थी कि स्लीपर सेल के जरिए देश में बड़े हमले कर अशांति फैलायी जाए। शनिवार को छापेमारी के समय भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया था ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो।
जांच एजेंसियों को शक है कि यह नेटवर्क सिर्फ झारखंड तक सीमित नहीं है। इससे पहले एनआईए की जांच में यह सामने आया था कि हिज्ब-उत-तहरीर संगठन मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी तेजी से अपने स्लीपर सेल तैयार कर रहा है। अब धनबाद से भी इस संगठन से जुड़े संदिग्धों की गिरफ्तारी होने के बाद संभावना जताई जा रही है कि इस मामले में एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की भी एंट्री हो सकती है।
पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार आयान जावेद और शबनम परवीन कंप्यूटर तकनीक में माहिर हैं। दोनों की जिम्मेदारी स्लीपर सेल के नेटवर्क को डिजिटल माध्यम से चलाने और संगठन के गुप्त संपर्कों को सुरक्षित रखने की थी। छापेमारी के दौरान एटीएस ने इनके पास से कई पेन ड्राइव, मोबाइल फोन, कंप्यूटर हार्ड डिस्क और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए हैं, जिनकी गहन जांच की जा रही है।
धनबाद से संदिग्धों की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। इससे पहले रांची के चान्हो और लोहरदगा से भी आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। लोहरदगा के मिल्लत कॉलोनी से फैजान अंसारी को एनआईए ने पकड़ा था, जो आईएसआईएस से प्रभावित होकर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त था। इसके अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रांची के बरियातू से डॉ. इश्तियाक और चान्हो से मदरसा संचालक को गिरफ्तार किया था, जो युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर हथियारों की ट्रेनिंग देने की योजना बना रहे थे।
एटीएस और अन्य खुफिया एजेंसियां अब धनबाद समेत पूरे झारखंड में संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रख रही हैं। पकड़े गए आरोपियों के मोबाइल और डिजिटल डाटा की जांच के आधार पर अन्य साथियों और बड़े नेटवर्क का भी जल्द खुलासा हो सकता है। पुलिस का मानना है कि समय रहते कार्रवाई कर बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया गया है।
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